अभिषेक सेमर, तखतपुर. यूं तो लोगों की जान माल की रक्षा व सुरक्षा करने के लिए कानून में कई बड़े अधिकार और व्यवस्था है, लेकिन इसका लाभ तखतपर क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल रहा. इसकी वजह चंद रसूखदारों की ऊंची पहुंच और अधिकारियों के संरक्षण के चलते गांव के पत्थर खदानों में हैवी ब्लास्टिंग किया जा रहा है. इस ब्लास्टिंग की वजह से ग्रामीण दहशत और डर के बीच भय में जिंदगी जी रहे हैं. अफसरों व नेताओं से शिकायत करते थक चुके ग्रामीण अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को समस्या बताएंगे.

दरअसल यह पूरा मामला बिलासपुर जिले के तखतपुर ब्लाॅक के ग्राम पंचायत खरकेना का है. पत्थर खदानों में हैवी ब्लास्टिंग से ग्रामीणों का दिन रात मानो एक हो गया है. इसकी वजह से गांव में न दिन को चैन है और न रात को सुकून मिल रहा है. ग्रामीण अपनी समस्या से निजात पाने कभी इस अधिकारी तो कभी उस नेताओं के सालों से चक्कर लगा रहे हैं, पर समस्या अब भी बनी हुई है. अब इन गांव वालों का मनोबल पूरी तरह टूट चुका है. अब ग्रामीण भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात कर अपनी समस्या बताएंगे.

ग्रामीणों ने कहा – मनमानी कर रहे खदान संचालक
आखिर वह ब्लॉस्ट करने वाले कौन हैं, जिनके आगे गांव से लेकर जिले तक के अधिकारी और जनप्रतिनिधि घुटने टेकने बेबस हैं, परंतु इस टूटी आस में भी उम्मीद की किरण ग्रामीणों को भी नजर आ रही है. ग्रामीणों का कहना है कि जब शिकायत लेकर खदान संचालकों के पास जाते हैं तो वे नहीं सुनते. अपनी मनमानी कर रहे हैं. हमारी समस्या को कोई सुनने वाला ही नहीं है. अब वे अपनी समस्या को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आगे भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में रखने की तैयारी में हैं.

हैवी ब्लास्टिंग से 200 लोग हैं परेशान
गांव के पंच सुखनंदन चतुर्वेदी ने बताया कि हमारे मोहल्ले में पत्थर खदान से हैवी ब्लास्टिंग के कारण सभी लोग परेशान हैं. सरपंच से इसकी शिकायत कर रुकवाने को कहा तो उसने मैं कुछ नहीं कर सकता कह दिया. जब खदान संचालकों से शिकायत कर कम क्षमता की ब्लास्टिंग करने कहते हैं तो नहीं मानते और जहां शिकायत करनी हो कर दो बोलते हैं. ग्रामीण प्रकाश साहू ने बताया कि यहां मोहल्ले के 200 परिवार हैवी ब्लास्टिंग से परेशान हैं. कई लोगों को चोट भी लग जाती है.


बीवी बच्चों को लेकर दीवार से चिपक जाते हैं लोग
पंच लक्ष्मी साहू ने बताया कि हमारे मोहल्ले के लोग रोजी मजदूरी करते हैं. पत्थर खदान में ब्लास्टिंग से पत्थर उड़कर घरों के छतों में गिरते हैं. इससे घर के रहने वालों को चोट लग जाती है. अब हमारे आदमी काम पर जाएं कि घर वालों की रखवाली करें. रवि कोशले ने बताया कि जब ब्लास्टिंग होती है तो डर के कारण अपने बीवी बच्चों को लेकर दीवार से चिपक जाते हैं कि कहीं छत पर गिरने वाले पत्थरों से कोई घायल न हो जाएं.

एसडीएम ने कहा – जांच के बाद कार्रवाई करेंगे
इस मामले में एसडीएम महेश शर्मा ने कहा कि संबंधित तहसीलदार को भेजकर मौका निरीक्षण कराएंगे. ब्लास्टिंग से ग्रामीणों को हो रही परेशानी की जांच कराकर विधि के अनुसार कार्रवाई करेंगे.

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