रायपुर। बिलासपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा 5 करोड़ 4 लाख 15 हजार रुपए निकालकर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. इसमें एजेंट विश्वजीत भौमिक और अन्य के खिलाफ रायपुर ईओडब्ल्यू में धारा-420, 467, 468, 171 भादवि के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है.
जानकारी के अनुसार, आरोपी एजेंट विश्वजीत भौमिक एवं अन्य के द्वारा धोखाधड़ी करने के लिए फर्जी फर्म रजिस्ट्रेशन करवाया गया है, जिसके माध्यम से वह लोगों को बैंक के जरिए लोन दिलाने का काम करता था. आरोपी लोनधारकों व जमानतदारों की जानकारी के बिना ही उनके प्रापर्टी को बैंक में बंधक रखते हुए उसके एवज में बैंक से धोखा से लोन स्वीकृत कराकर खुद आर्थिक लाभ हासिल किया.
पूरे प्रकरण में आरोपियों ने 11 लोनधारकों-जमानतदारों की प्रापर्टी को बैंक में बंधक रखकर 5 करोड़ 4लाख 15 हजार रुपए का लोन लिया. जांच के दौरान लोन धारकों और उनके जमानतदारों ने बताया कि विश्वजीत भौमिक फर्जी फर्म बनाकर लोन दिलवाने के नाम पर उनकी प्रापर्टी बैंक में बंधक रखवा दिया और उनको जानकारी दिए बगैर बैंक से फर्मों के नाम पर लोन ले लिया. लोन लेने के दौरान विश्वजीत भौमिक ने उन्हें कुछ रकम भी दी.
लोनधारकों-जमानतदारों ने बताया कि विश्वजीत भौमिक ब्लैंक चेक बुक मेें हस्ताक्षर करवाकर पहले से रख लिया करता था. जिन लोनधारकों-जमानतदारों के नाम पर आरोपी लोन लेता था, उनके खाते में कुछ रकम छोड़ देता था, जिससे किश्त/ब्याज की रकम आटोमेटिक जमा होते रहे और बैंक को पता न चले. जब बैंक में किश्त/ब्याज की रकम जमा होना बंद हुई, तब धोखाधड़ी का खुलासा हुआ.