सत्यपाल राजपूत, रायपुर। प्रदेश भर के आक्रोशित बीएससी नर्सिंग के छात्रों ने आज आयुष यूनिवर्सिटी का घेराव कर दिया. लेकिन पुलिस ने सभी छात्रों को गेट पर ही रोक दिया. पेपर लीक होने पर सभी विद्यार्थी आक्रोशित हैं. परीक्षा नहीं होने के कारण वे तीन साल पीछे हो चुके हैं. लगभग 35 हजार विद्यार्थियों का भविष्य अंधेरे में हैं. जिसके चलते परीक्षा ऑनलाइन या असाइनमेंट पद्धति से कराने की मांग की जा रही है.

बीएससी नर्सिंग के छात्रों में आक्रोश है कि पिछले तीन सालों से इनकी परीक्षा नहीं हुई है. जो तीन साल पहले विद्यार्थी फ़र्स्ट ईयर में थे. आज भी वहीं फ़र्स्ट ईयर में है, लेकिन आयुष विश्वविद्यालय द्वारा इसका कोई समाधान नहीं निकाला गया है. कई दौर का धरना प्रदर्शन हो चुका है. विश्वविद्यालय का घेरा हुआ ज्ञापन सौंपे गए लेकिन समस्या जस का तस है.

बेदू साहू ने बताया कि प्रदेश भर के लगभग 35 हज़ार विद्यार्थियों के भविष्य से आयुष यूनिवर्सिटी द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है. आज से तीन साल पहले जो विद्यार्थी फ़र्स्ट ईयर में थे, उन्हें आज तक थर्ड ईयर में होना चाहिए लेकिन परीक्षा नहीं होने के कारण आज भी वह सब विद्यार्थी फ़र्स्ट ईयर में ही है, यह बहुत बड़ी प्रबंधन की लापरवाही है और इससे साफ़ है कि आयुष विश्वविद्यालय में अयोग्य व्यक्तियों को बैठाया गया है जिसका नतीजा विद्यार्थी भुगत रहे हैं. आज परीक्षा को लेकर फिर कुलपति और रजिस्ट्रार से बातचीत हुई लेकिन फिर बातचीत बेनतीजा रहा है. उन्होंने साफ़ कह दिया है आप लोगों को जहां शिकायत करना है पर दीजिए.

सुमन पटेल ने कहा कि जब विद्यार्थियों और प्रबंधन के बीच बातचीत हो रही थी. उस दौरान राजेश ऋषिकर रजिस्ट्रार उठकर जाते जाते कह कर गए कि मेरी गलती है जो करना है कर लो.

झमन साहू ने कहा कि हज़ारों विद्यार्थी हैं, जिन्होंने पढ़ाई के लिए लोन लिया है. तीन साल के बाद बैंक ब्याज सहित किस्त लेना शुरू करता है. और बैंक का ब्याज लेना शुरू कर दिया है. अभी तक हमारी पढ़ाई ख़त्म नहीं हुई है. लोन कैसे भरें घर वाले बार-बार यही पूछते हैं कि 3 साल हो गए तुम फ़र्स्ट ईयर में ही क्यों हो आख़िर हम क्या जवाब दें ?

आयुष विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉक्टर एसके चटर्जी ने कहा कि विद्यार्थियों से लंबी चर्चा हुई है, उनकी बातों को सुना गया है. एएनसी के गाइडलाइन के मुताबिक, आयुष विश्वविद्यालय का संचालन होता है. परीक्षा आयोजित की जाती है. मामला कोर्ट में भी गया था. कोर्ट का भी आदेश है कि परीक्षा आयोजित ऑफ़लाइन कराई जाएं. पेपर लीक होने के कारण परीक्षा स्थगित किया गया था, फिर से परीक्षा के लिए टाइम टेबल जारी कर दिया गया है. जैसा कि विद्यार्थियों की मांग में से एक मांग ऑनलाइन ही परीक्षा कराया जाए जो संभव नहीं है.

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