रायपुर। छत्तीसगढ़ में अफसरशाही हावी है. अफसर जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनते है. इसकी शिकायत भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के जनप्रतिनिधि भी कर चुके हैं. अब जनप्रतिनिधियों की इस अनदेखी को लेकर सरकार ने सख्ती बरती है. सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों, राजस्व मंडल, सचिवों और कलेक्टर को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि सभी सांसद-विधायक और जनप्रतिनिधियों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार किया जाए. सरकार के निर्धारित प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाए. साथ ही उनके पत्रों की अभिस्वीकृति भी उन्हें तत्काल दिया जाए. इतना ही नहीं पत्र में ये भी कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों की ओर से लोक महत्व के लिए उठाए गए मामलों में भी तुरंत नियम के मुताबिक कार्रवाई की जाए और उसकी जानकारी भी जनप्रतिनिधियों को दी जाए.
दरअसल, प्रदेश के कई विधायकों और सांसदों की शिकायत सरकार तक पहुंची थी कि उनकी ओर से भेजे गए पत्रों का जवाब ही विभागीय अफसरों की ओर से नहीं आता है. कई बार तो जवाब कई महीने लग जाते हैं. ये स्थिति कांग्रेस-बीजेपी दोनों पार्टी के सांसद-विधायकों की है.
जानकारी के मुताबिक, कुछ मंत्रियों के बंगले से गए पत्र का भी जल्दी निराकरण नहीं हो पा रहा है. साथ ही जनप्रतिनिधियों की शिकायत कई अधिकारियों की ओर से प्रोटोकॉल के पालन नहीं किये जाने को लेकर भी रही है.
बता दें कि विपक्ष में रहने के दौरान कांग्रेस बीजेपी सरकार को अफसरशाही पर खूब कोसती थी. क्योंकि तब भी ये कहा जाता था कि सरकार तो अफसर ही चला रहे हैं. हालांकि सांसदों-विधायकों की शिकायत के बाद सरकार सख्त नजर आती दिखाई दे रही है.
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि ढाई सालों से हम ये मुद्दा उठाते आए हैं कि सरकार जन प्रतिनिधियों की सुन नहीं रही है. अधिकारियों को भेजे जाने वाले पत्रों का जवाब तक नहीं दिया जाता. अब जब बात खुद पर आई है तब सरकार निर्देश दे रही है. हमने विधानसभा में भी लगातार ये मामला उठाया है.
देखिए आदेश की कॉपी-
देखिए वीडियो-
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus