संदीप ठाकुर, लोरमी। मुंगेली जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व अंतर्गत आने वाले 25 वनग्रामों में 6 गांव के लोगों को सरकार की नीति के मुताबिक अलग अलग स्थानों पर विस्थापित कर दिया गया है. जहां कहने को तो सरकार के द्वारा तमाम सुविधाएं वहां रहने वाले बैगा आदिवासी परिवार के लोगों को मुहैया कराई गई है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.

पूरा मामला विस्थापित राजस्व ग्राम जल्दा का सामने आया है, जहां 75 बैगा आदिवासी परिवार के लोगों को जंगल से विस्थापित करते हुए लोरमी मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर की दूरी में बसाया गया है, जो इन दिनों मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं. वहां आलम यह है कि 75 आदिवासी परिवार के लोग शामिल हैं जिन्हें सरकार के द्वारा पांच पांच एकड़ जमीन सहित पक्का मकान एवं अन्य सरकारी सुविधाएं दी गई है. लेकिन इस गांव में कुछ बैगा आदिवासी किसान ऐसे हैं जिनके जमीनों को कुछ बाहरी लोगों के द्वारा सालों से गिरवी रखते हुए अवैध कब्जा कर लिया गया है, जहां मुनाफा कमाते हुए धड़ल्ले से खेती की जा रही है. ऐसे में बैगा आदिवासी परिवार के सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई है.

वहीं मामले की लिखित शिकायत के बाद लोरमी तहसील के राजस्व अधिकारी राहुल कौशिक ने दो दिन पहले मौके में जाकर सात हजार रुपए में गिरवी रखे तीन बैगाओं के 15 एकड़ जमीन पर उन्हें कब्जा दिलाते हुए कब्जाधारी सरईपतेरा के रमेश कश्यप और ढोलगी निवासी पवन ध्रुव के खिलाफ खुड़िया चौकी में एफआईआर दर्ज करवाने की कार्यवाही की गई. आरोप यह भी है कि विस्थापित गांव में कुछ बैगा परिवार के लोगों के उबड़ खाबड़ व पथरीली जमीन है तो कुछ लोगों के खेत फसल के लायक है जिनके खेत को कुछ बाहरी लोगों के द्वारा गिरवी रखकर अवैध कब्जा कर लिया गया है.

ग्रामीण रामजी बैगा ने आरोप लगाते हुए कहा कि विस्थापित गांव जल्दा में कई लोग दो तीन हजार में जमीन गिरवी रखे हैं उसको अब वापस कर देना चाहिए क्योंकि उससे ज्यादा कब्जाधारियों के द्वारा खेती करके मुनाफा कमा लिया गया है. साथ ही यहां स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हुआ था जो देखरेख के अभाव में जर्जर हो गया है. समय समय पर मितानिन आती है. लेकिन ग्रामीणों को समय पर बेहतर स्वास्थ्य की सुविधा नहीं मिलने के चलते परेशानी का सामना करते हुए उन्हें इलाज के लिए कच्चे रास्ते से गुजरकर लोरमी अस्पताल जाना पड़ता है.

बहरहाल देखना होगा आने वाले दिनों में अन्य किसानों के कब्जे जमीन पर कब तक जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जाएगी. ताकि बैगा परिवार के लोगों को जीवन यापन में कठिनाई का सामना नहीं करना पड़े.

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