सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के बंगले के बाहर धरने पर बैठे भूमिहीन गरीब किसानों को पुलिस बल ने हटा दिया. बड़ी संख्या में किसान परिवार सुबह से ही मंत्री चौबे के बंगले के बाहर मौजूद थे, लेकिन पुलिस द्वारा ग्रामीणों को उठाकर धरना स्थल के लिए रवाना कर दिया, पर रोते बिलखते ग्रामीण मंत्री जयसिंह अग्रवाल के बंगले तक पहुंचे और कहने लगे कि वे धरना स्थल नहीं जाएंगे. इसी बीच एक ग्रामीण की तबीयत भी बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल भेजा गया.

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ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रही है, अभनपुर थाना क्षेत्र के समीप ग्राम सोनेसिली के किसान परिवारों का आरोप है कि किसानों का गांव के सरपंच व उपसरपंच ने जमीन से बेदखल कर दिया है. 23 किसान परिवार छोटे बच्चों और बर्तन सहित रायपुर पहुंचे हैं.

दरअसल, 1970 में भूमिहीन किसानों को खेती करने के लिए जमीन का पट्टा दिया गया था. 51 साल से किसान उसी जमीन पर खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे, जिसकी ऋण पुस्तिका किसानों के पास है. किसान सिंचाई टैक्स भी देते हैं.

भूमिहीन गरीब किसानों का आरोप है कि गांव के सरपंच व उपसरपंच के द्वारा ग्रामीणों को उनकी जमीन से बेदखल कर वहां वृक्षारोपण करने का कार्य किया जा रहा है. आवारा मवेशियों को जबरन उनके खेतों में छोड़ दिया गया, जिसकी वजह से उनकी धान की फसलें बर्बाद हो गई. पीड़ित परिवारों ने तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर को भी पत्र भेजा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. 51 साल पहले किसानों को पंचायत द्वारा प्रस्ताव कर जमीन दिया था, उन्होंने किसी तरह का कोई अतिक्रमण नहीं किया.

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