समीर शेख, बड़वानी। कोरोना सक्रमण में जहां लोगों में उपचार के लिए हा-हाकार मचा हुआ है, वहीं लॉकडाउन ने लोगों की आर्थिक रुप से कमर तोड़ दी है. मंडी और बाजार बंद होने से टमाटर के खरीदार नहीं मिल रहें हैं. ऐसे में किसान टमाटर फसल को उखाडऩे और मवेशियों को चरा रहे हैं.

लॉकडाउन में मंडियां बंद
बड़वानी जिला में प्रशासन द्वारा लॉकडाउन लगाया गया है, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है. लॉकडाउन के चलते फसलों के खरीदार नहीं मिल रहे हैं. इससे सब्जियों के भाव अचानक जमीन पर आ गए हैं. ऊपर से मंडियां बंद होने से उसे दूसरी मंडियों में लेकर भी नहीं जा पा रहे हैं.

लाखों का नुकसान
बड़वानी सजवानी के किसान कैलाश ने अपने 9 एकड़ खेत में टमाटर बोया था. अचानक भाव कम होने और लॉकडाउन लग जाने से टमाटर खेत में ही खराब होने लगा है. किसान कैलाश खेत से टमाटर को उखाड़ के फेंक रहे हैं. उनका कहना है कि तकरीबन 6 से 7 लाख का नुकसान हुआ है. वह चाहते हैं कि सरकार एमएसपी लागू करें.

कुछ इसी तरह की हालत जुलवानिया के किसान सुभाष के हैं, जिसने अपने खेत में टमाटर बोया था. लागत नहीं मिलने और लॉकडाउन लग जाने के चलते खेत में जानवरों को चराने को छोड़ दिया है. किसान सुभाष को भी लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. दोनों ही किसान सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. वे चाहते है कि सरकार उनकी फसलों पर एमएसपी दें ताकि किसानों को यह दिन ना देख ना पड़े.