रायपुर। कोरोना के चलते देश 17 मई तक लॉकडाउन में हैं. लोग मुश्किल में हैं.. जो जहां है वहीं उसकी जिन्दगी जैसे ठहर गई है.. दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़े हैं.. सरकार और समाज सेवी संगठन गरीब बेसहारा लोगों की मदद में आगे आई है. लेकिन इन सबके बीच बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जिन पर अब तक लोगों का ध्यान नहीं गया. वे हैं अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजन, जो परिवहन बंद होने और लॉकडाउन की वजह से कहीं नहीं जा पा रहे हैं. लॉकडाउन होने से होटल बंद है परिवहन बंद है, न कोई आ पा रहा न कोई जा पा रहा. हम राजधानी के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल डीकेएस की बात कर रहे हैं, यहां मरीज के परिजनों व स्टॉफ को खाने की समस्या हो रही है.

ऐसे लोगों की मदद के लिए राजधानी का एक होटल गोल्डन ओक सामने आया है. होटल द्वारा अस्पताल के भीतर ही डॉक्टरों, मरीजों और उनके साथ ही उनके परिजनों व मेडिकल स्टाफ को खाना खिला रहे हैं. होटल के स्टाफ के कोरोना सहित अन्य बीमारियों के संक्रमण को देखते हुए बेहद हाइजीनिक तरीके से लोगों को खाना परोसते हैं, वह भी मुफ्त बगैर किसी शुल्क के. बताया जा रहा है कि होटल द्वारा प्रतिदिन 1000 लोगों को खाना खिलाया जा रहा है.

गोल्डन ओक होटल के लोग 40 से 45 हजार लोगों को खाना खिलाकर मदद कर चुके हैं. बिना किसी प्रचार प्रसार के सेवा भाव से जुड़कर कार्य कर रहे हैं. अधिक से अधिक जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं. इसमें सिर्फ होटल प्रबंधन अपना सारा श्रम लगा रहे हैं. किसी सामजिक संस्था से कोई मदद नहीं ली गई है. तीन टाइम का भोजन उपलब्ध करा रहे हैं.

होटल गोल्डन ओक के प्रबंधन ने बताया कि लॉकडाउन के बाद हर रोज हम लोग डीकेएस अस्पताल में बाहर से इलाज कराने आये लोगों को खाना खिला रहे हैं. सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना. तीनो टाइम मरीज एवं मरीज के परिजनों को खाना उपलब्ध कराया जा रहा है. हर रोज करीब 1000 लोगों को खाना खिलाया जा रहा है. लॉकडाउन का पालन करते हुए बाकायदा सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाता है.