दुर्ग. गृह मंत्री विजय शर्मा केंद्रीय जेल दुर्ग में बंद कवर्धा मामले के आरोपियों से मुलाकात करने पहुंचे हैं. लगभग 30 महिला आरोपी दुर्ग जेल में बंद हैं. गृहमंत्री ने महिला कैदियों से मुलाकात कर उनकी बातें सुनी और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया. गृह मंत्री के साथ दुर्ग विधायक गजेन्द्र यादव, अहिवारा विधायक डोमन लाल कोर्सेवाडा, जेल डीजी हिमांशु गुप्ता, दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, आईजी रामगोपाल गर्ग, एसपी जितेंद्र शुक्ला भी मौजूद रहे.
कांग्रेस द्वारा लोहारडीह हत्याकांड मामले में बंद बुलाने और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयानों का जवाब देते हुए गृहमंत्री शर्मा ने कहा कि मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर भूपेश बघेल बिरनपुर क्यों नहीं गए थे, हरचरण बैगा की जब मौत हुई थी तब क्यों वहां नहीं गए थे. किसको सस्पेंड किया था, किसको हटाया गया था. आज वे राजनीति, नेतागिरी करने जा रहे हैं. गांव हमारा है और हम सम्भाल रहे हैं. आरोप लगाने से पहले अपने पुराने बीते दिनों को वे याद कर लें.
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि कवर्धा में जब लोगों को पीटा गया था, तब किसको सस्पेंड किया था. उन्हें पुरस्कृत किया गया था, जिन्होंने डंडे मारे थे. हमने मुख्यमंत्री से भी कहा कि किसी को भी वहां जाना चहिए तो जरूर जाएं. गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि उन्होंने पुलिस वालों से भी कहा है कि वे इस मामले की जांच करें, क्योंकि मामला गंभीर है. इसमें पूरी तरह से मजिस्ट्रीयल जांच होगी. जो निर्दोष हैं उन्हें छोड़ा जाएगा. उन्होंने अपना नम्बर जेलर को दिया और कहा, अगर कोई भी महिला बंदी उनसे बात करना चाहे तो उनसे बात कराएं.
बता दें कि महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक भी आज दुर्ग जेल में बंद महिलाओं से मुलाकात करने वाली हैं. लोहारीडीह हिंसा मामले में दुर्ग जेल में बंद आरोपियों के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में महिला आयोग ने भी स्वत: संज्ञान लिया है. राज्य महिला आयोग ने पुलिस महानिदेशक को पत्र जारी कर कहा है कि जेल में बंद आरोपियों के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले में महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक शनिवार को जेल जाकर कवर्धा की महिलाओं से मुलाकात करेंगी.
जानिए लोहारीडीह का पूरा घटनाक्रम
बता दें कि जिले के लोहारीडीह में एक सप्ताह के भीतर 3 लोगों की अलग-अलग कारण से जान चली गई. 14 सितंबर की दरमियानी रात शिव प्रसाद साहू की लाश मध्यप्रदेश के बिरसा थाने के क्षेत्र में पेड़ से लटकती मिली थी. शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने हत्या के शक पर रघुनाथ साहू के घर को आग लगा दी, जिससे रघुनाथ साहू की जलने से मौत हो गई. वहीं इस मामले में पुलिस ने 33 महिला समेत 69 ग्रामीणों को हत्या के शक में गिरफ्तार किया है. इसी बीच 19 सितंबर को हत्या के आरोप में बंद प्रशांत साहू की जेल में मौत हो गई. मृतक के बॉडी में गहरे चोट के निशान पाए गए हैं, जिससे ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशांत साहू की मौत पुलिस पिटाई के चलते जेल में मौत हुई है. इसके बाद सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए कबीरधाम जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ आईपीएस विकास कुमार को निलंबित किया. वहीं रेंगाखार थाने के निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक सहित वहां पदस्थ कुल 23 पुलिसकर्मियों को भी हटा दिया गया. वहीं आज देर रात कबीरधाम एसपी और कलेक्टर को भी हटा दिया गया.
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