नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को जोरदार हंगामे के बीच ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल पारित हो गया। वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर विपक्ष लगातार विरोध कर रहा था, जिसके चलते चर्चा शुरू ही नहीं हो पाई और बिल को ध्वनिमत से पास कर दिया गया।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बिल पेश करते हुए कहा कि पिछले 11 सालों में डिजिटल टेक्नोलॉजी तेजी से फैली है और इसने देश की पहचान बदली है। स्टार्टअप इकोसिस्टम मजबूत हुआ है और टेक्नोलॉजी से लोगों को कई फायदे भी मिले हैं। उन्होंने कहा कि इसी बदलाव के बीच ऑनलाइन गेमिंग एक बड़ा सेक्टर बनकर उभरा है।
मंत्री ने गेमिंग इंडस्ट्री को तीन हिस्सों में बांटा, ई-स्पोर्ट्स, सोशल गेमिंग और ऑनलाइन मनी गेम्स। उन्होंने कहा कि ई-स्पोर्ट्स से युवाओं में स्ट्रैटेजिक सोच और टीमवर्क बढ़ता है, वहीं सोशल गेम्स जैसे चेस, सुडोकू और सॉलिटेयर शिक्षा और मेमोरी सुधारने में सहायक हैं। लेकिन तीसरा हिस्सा, यानी ऑनलाइन मनी गेमिंग, समाज के लिए चिंता का विषय है।
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मनी गेम्स से लोग हो रहे लत का शिकार
मंत्री वैष्णव ने बताया कि मनी गेम्स से लोग लत का शिकार हो रहे हैं। कई परिवारों की जीवनभर की कमाई इन खेलों में गंवा दी जाती है। एल्गोरिदम्स अपारदर्शी होते हैं, जिससे खिलाड़ी के जीतने की संभावना लगभग खत्म रहती है। मंत्री ने कर्नाटक की एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें 31 महीनों में 32 आत्महत्याओं के मामले सामने आए, जिनका संबंध ऑनलाइन मनी गेमिंग से था। उन्होंने कहा कि इस तरह के खेलों से मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी गतिविधियों तक को बढ़ावा मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि बिल में ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को प्रमोट करने का प्रावधान है। इसके लिए एक अथॉरिटी बनाई जाएगी और गेम डेवलपर्स को सहयोग दिया जाएगा। लेकिन जब भी समाज और सरकार की प्राथमिकताओं की बात आती है, प्रधानमंत्री मोदी हमेशा आम परिवारों के हितों को ही प्राथमिकता देते हैं।
समाज में बढ़ रही बुराइयों से बचाने के लिए लाया गया यह कानून
आईटी मंत्री ने कहा कि यह कानून समाज में बढ़ रही बुराइयों से बचाने के लिए लाया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसे सभी दलों का समर्थन मिलेगा। हालांकि विपक्षी हंगामे के कारण कोई चर्चा नहीं हो सकी और बिल बिना बहस के ही पास कर दिया गया। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 21 अगस्त सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई।
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