दिल्ली. कांग्रेसी नेता के घर जन्मों तमिलिसाई सुंदरराजन ने द्रविड राजनीति के केंद्र तमिलनाडु में दो दशक तक भाजपा का परचम उठाया. 2019 में सक्रिय राजनीति को अलविदा कहा और तेलंगाना की राज्यपाल बनीं. लोकसभा चुनावों के मद्देनजर फिर उनका नाम सुर्खियों में है.

सोमवार को उन्होंने राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया. माना जा रहा है कि वह फिर चुनाव लड़ सकती हैं और वह भी भाजपा से. तमिल और अंग्रेजी भाषा पर पकड़ रखने वाली तमिलिसाई बेहतरीन वक्ता हैं और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच दक्षिण की सुषमाजी नाम से प्रसिद्ध हैं.

पेशे से डॉक्टर

2 जून 1961 को जन्मीं तमिलिसाई 80 के दशक में एमबीबीएस की पढ़ाई करते हुए ही राजनीति में सक्रिय हो गईं. इसके बाद करीब 5 वर्ष के लिए रामचंद्र मेडिकल

कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर रहीं. इसी दौरान नेफ्रोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. पी सुंदरराजन से विवाह हुआ. परिवार में एक बेटा और बेटी है, जो राजनीति से दूर हैं. तमिलिसाई के पिता पूर्व सांसद कुमारी अनंतन तमिलनाडु कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. चाचा हरिकृष्ण नडार भी कांग्रेस से सांसद रहे. नडार के बेटे विजय वसंत कन्याकुमारी से कांग्रेस सांसद हैं.