अमृतसर। भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से 9 पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, जबकि 4 सीटों पर ऐलान करना अभी शेष है. अहम पहलू यह है कि ये चारों सीटें संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, आनंदपुर साहिब और फिरोजपुर की हैं. मालवा क्षेत्र जो कभी अकाली दल का गढ़ माना जाता था, अब यहां पूरी तरह से आम आदमी पार्टी का दबदबा है. मालवा में ही कई किसान संगठन, विरोध कर भाजपा की मुसीबतें बढ़ा रहे हैं.
सियासत पर नजर रखने वालों की माने तो भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इन तमाम पहलुओं की समीक्षा कर रहा है और इन सभी सीटों पर सिख चेहरों पर दांव खेलने की रणनीति बना रहा है. विपक्षी दलों के प्रत्याशियों का आंकलन कर वोट बैंक के समीकरणों को देखा जा रहा है. इसमें जातीय समीकरण और शहरी क्षेत्रों की वोट प्रतिशतता पर भाजपा की नजरें हैं.
टिकट न मिलने के कारण विपक्षी दलों के रूठे दावेदारों (जिन्हें टिकट नहीं मिली है) पर भी भाजपा की नजरें टिकी हुई हैं. इससे पहले भाजपा, मालवा में कभी चुनाव नहीं लड़ी है. पार्टी को उम्मीद है कि पंजाब में बहुकोणीय मुकाबले का गणित उनके पक्ष में जा सकता है. पार्टी का मानना है कि यदि मतों का विभाजन हुआ तो शहरी वोट भाजपा के लिए वरदान साबित हो सकते हैं. इसी के चलते भाजपा सिख चेहरों के जरिए गांवों में भी वोट बैंक को जोड़ना चाहती है.
बता दें कि मालवा क्षेत्र में शहरी वोट 33 और ग्रामीण वोट 67 फीसदी हैं. पंजाब भाजपा की प्रदेश सचिव दामन बाजवा ने कहा कि पार्टी, मालवा में भी एतिहासिक प्रदर्शन करेगी. केंद्र में तीसरी बार बनने वाली मोदी सरकार में पंजाब की अहम भागीदारी रहेगी.
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