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सुधीर साहू, रायपुर. देश में लोकसभा चुनाव की तरीखों का ऐलान हो चुका है. इस बार के चुनाव में भी गुजरात की सीटों की अहम भूमिका होगी. गुजरात के गांधीनगर सीट भाजपा के दिग्गज नेताओं की पहली पसंद है. यहां से पिछले 35 सालों से भाजपा लगातार चुनाव जीत रही है. गृहमंत्री अमित शाह एक बार फिर गांधीनगर से चुनाव लड़ रहे.
बता दें कि गांधीनगर लोकसभा सीट में 7 विधानसभा सीटें हैं. इन सभी सीटों पर भाजपा का ही कब्जा है. गांधीनगर लोकसभा सीट का गठन 1969 में हुआ था. गांधीनगर लोकसभा सीट पर 19 लाख 45 हजार 149 मतदाता हैं. इनमें से 9 लाख 41 हजार 434 पुरुष मतदाता हैं, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 10 लाख 4 हजार 291 हैं. जातिगत समीकरण के मुताबिक गांधीनगर लोकसभा सीट पर वाघेला और पटेल बिरादरी का वर्चस्व है. दोनों को ही भाजपा का कोर वोटर माना जाता है.
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साल 2019 के चुनाव के नतीजे
2019 के लोकसभा चुनाव में गांधीनगर सीट पर अमित शाह रिकॉर्ड मतों से जीते थे. अमित शाह को 8 लाख 94 हजार 624 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी सीजे चावड़ा को मात्र 3 लाख 37 हजार 610 वोट ही मिले थे. भाजपा ने यह सीट 5 लाख 57 हजार से ज्यादा वोटों से जीती थी. अगर गांधीनगर सीट के चुनावी नतीजों के इतिहास पर नजर डालें तो इतने अधिक वोटों से आज तक कोई नहीं जीता है. साल 2019 के आम चुनाव में अमित शाह गांधीनगर सीट से पहले ऐसे नेता बने, जिन्होंने 8 वोटों में 8 लाख का आंकड़ा पार किया.
साल 2014 के चुनाव के नतीजे
2014 के लोकसभा चुनाव में गांधीनगर से भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी जीते थे. उन्होंने कांग्रेस के कीर्ति ईश्वरभाई पटेल को 4,83,121 मतों से हराया था. आडवाणी यहां से 1998 से लेकर 2014 तक हर चुनाव जीते. गांधीनगर सीट से 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं.
उपचुनाव में भी कांग्रेस को मिली हार
गांधीनगर लोकसभा सीट के इतिहास पर एक नजर डालें तो एक वक्त पर भाजपा के शीर्ष नेता रहे लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी दोनों ने यहां से चुनाव जीतकर लोकसभा में कदम रखा था. साल 1996 के आम चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी भारी मतों से जीते थे. उन्होंने एक साल में ही यह सीट खाली कर दी. उप-चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट से बॉलीवुड अभिनेता राजेश खन्ना को उतारा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
1967 में गठित हुई थी गांधीनगर सीट
गांधीनगर लोकसभा सीट का गठन साल 1967 में हुआ था. साल 1989 से भाजपा लगातार इस सीट से चुनाव जीतती आ रही है. साल 1967 के आम चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार एस एम सोलंकी ने यहां से जीत दर्ज की थी. इसके बाद साल 1971 के अगले चुनाव में भी एस एम सोलंकी ने चुनाव जीता और अपनी सांसदी बरकरार रखी, लेकिन इस बार उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्थान पर एनसीओ से चुनाव लड़ा। फिर साल 1977 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को फिर एक बार हार का मुंह देखना पड़ा। इस साल के चुनाव में भारतीय लोकदल (बीएलडी) से पुरषोत्तम गणेश मावलंकर ने चुनाव जीता. साल 1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अमृत मोहन लाल पटेल सांसद बने. 1984 के आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी से जी आई पटेल चुनाव जीते.
1989 से शुरू हुआ भाजपा की जीत का दौर
गांधीनगर लोकसभा सीट पर साल 1989 से भाजपा की जीत का दौर शुरू होता है. 1989 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के वेघेला शंकरजी लक्ष्मणजी सांसद चुने गए. साल 1991 के आम चुनाव में लाल कृष्ण आडवाणी भाजपा से सांसद बने. 1996 के चुनाव में पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी ने चुनाव जीता. साल 1998 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर लालकृष्ण आडवाणी इसी सीट से खड़े हुए और जीते. इसके बाद लगातार चार चुनाव 1999, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी ने गांधीनगर सीट से ही चुनाव जीते. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अमित शाह ने सबसे ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की.
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