रायपुर- कांकेर में कांग्रेस का खेल नोटा ने बिगाड़ दिया. नोटा का वोट कांग्रेस को मिलते तो उसकी जीत पक्की थी. यहां बीजेपी उम्मीदवार मोहन मंडावी को 5 लाख 43 हजार 376 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर 5 लाख 37 हजार 999 वोट हासिल किया. दोनों में जीत-हार का अंतर देखा जाए तो मात्र  6 हजार 914 वोट का है.

इस सीट पर बीजेपी मामूली अंतर से जीत हासिल की है. छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों पर यह हार कांग्रेस की सबसे कम अंतर की रही. नोट में पड़े मत देखे तो चौंकाने वाले आंकड़े दिखाई देते हैं. 26 हजार 692 मतदाताओं ने नोटा को वोट दिया.

अगर कांग्रेस इन वोटों को अपने पक्ष में कर लेती तो आसानी से जीत दर्ज कर सकती थी. हालांकि कि ये वोट बीजेपी को पड़ती तो जीत का अंतर और अधिक हो सकता था. लेकिन कांकेर लोकसभा सीट में पिछली बार भी भाजपा काबिज हुई थी.

उम्मीदवार बदलने के बावजूद इस बार सत्ता पक्ष के खिलाफ एंटीइंकबेंसी थी. जिसके चलते इतनी संख्या में लोगों ने नोटा का विकल्प चुना. अगर कांग्रेस वोटरों को अपने उम्मीदवार और नीति के बारे में अच्छे बताती तो इसे अपने पक्ष में कर सकती थी. लेकिन नहीं कर पाई.

दिलचस्प बात है कि कांकेर सीट पर कुल 9 उम्मीदवार मैदान पर उतरे थे. जहां भाजपा पहले और कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही, लेकिन नोट ने तीसरे स्थान पर कब्जा जमाया.

निर्दलियों ने भी अच्छी खासी वोट बटोरी. निर्दली उम्मीदवार हरिसिंह सिदार को 11 हजार 447, नरेंद्र नाग 5750 वोट मिले. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी और शिव सेना ने महत्वपूर्ण मत प्राप्त किए.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में नोटा का विकल्प को चुनने का मामला नया नहीं है. कई चुनावों में राष्ट्रीय पार्टियों का खेल बिगाड़ चुकी है. लेकिन आदिवासी और ग्रामीण इलाकों के लोग नोट विकल्प को चुन रहे हैं. यह सोचनीय बात है. ऐसा कहा जाता है कि ग्रामीण नक्सली दबाव में इन में से नहीं का उपयोग करते हैं.

लोकसभा वार नोटा (इनमें से कोई नहीं) को मिले वोट

  लोकसभा क्षेत्र                नोटा 

  1. बस्तर                       41656
  2. सरगुजा                    29253
  3. कांकेर                     26692
  4. महासमुंद                  21218
  5. कोरबा                      19292
  6. राजनांदगांव             19423
  7. रायगढ़                     15720
  8. बिलासपुर                  4356
  9. दुर्ग                           4250
  10. जांजगीर-चांपा          9952
  11. रायपुर                      4276