रायपुर. चुनाव के दौरान प्रत्याशी के खर्च से जुड़ी जानकारी आम नागरिक सिर्फ एक रूपए जमाकर देख सकता है. यह बात लोकसभा चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में प्रदेश के सभी जिलों के निर्वाचन व्यय निगरानी के नोडल अधिकारियों एवं मास्टर ट्रेनरों के प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर पुलक भट्टाचार्य ने बताई.
पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि धन का दुरूपयोग रोकने के लिए प्रत्याशियों के चुनाव खर्च पर निर्वाचन आयोग की कड़ी नज़र रहेगी. लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव खर्च की निगरानी के लिए टीमें तैनात रहेंगी. निर्वाचन की निष्पक्षता, स्वतंत्रता को स्थापित करने के लिए प्रत्याशियों के खर्च की सीमा का निर्धारण किया गया है. वर्तमान में लोकसभा निर्वाचन के लिए कोई भी अभ्यर्थी 70 लाख रुपए तक खर्च कर सकता है.
संदिग्ध लेन-देन पर होगी निगरानी दल की नजर
उन्होंने बताया कि निर्वाचन के दौरान व्यय निगरानी दल राजनीतिक दलों तथा प्रत्याशी के प्रचार- प्रसार और उनके द्वारा किए जा रहे जनसंपर्क के विभिन्न माध्यमों तथा उसके लिए किए जा रहे उपक्रमों के व्यय का लेखा-जोखा तैयार करेगी. ये व्यय निगरानी दल हर उस संदिग्ध लेनदेन, परिवहन तथा व्यवहार पर नजर रखेंगे, जो निष्पक्ष निर्वाचन के किसी भी पक्ष को प्रभावित कर सकता है. प्रत्य़ाशी के किसी भी व्यय पर मतभेद अथवा विवाद की स्थिति में जिला व्यय निगरानी समिति के प्रमुख के समक्ष पक्ष रखा जा सकता है.
तीन सौ रुपए में देखा जा सकेगा वीडियो रिकार्डिंग
प्रशिक्षण के दौरान उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्व्य श्रीकांत वर्मा, आशीष टिकरिहा और सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मनीष मिश्रा ने भी व्यय निगरानी से जुड़े विषयों पर विचार व्यक्त किए. श्रीकांत वर्मा ने बताया कि प्रत्याशी के प्रतिदिन की राजनीतिक गतिविधि की रिकार्डिंग वीडियो निगरानी दल करता है. जिसकी प्रतिलिपि तीन सौ रुपए देकर कोई भी नागरिक ले सकता है। इन वीडियो का अवलोकन वीडियो अवलोकल दल करता है.
खर्च का ब्यौरा नहीं देने वाले को मिलेगा दंड
श्री वर्मा ने कहा कि व्यय निगरानी दल की सजगता तथा सर्तकता से निर्वाचन की शुचिता, पारदर्शिता और स्वतंत्रता को बरकरार रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि व्यय लेखा जमा नहीं करने वाले, गलत लेखा जमा करने वाले अथवा सीमा से अधिक व्यय करने वाले प्रत्य़ाशियों को दंडित करने का प्रावधान है. निर्वाचन आयोग द्वारा ऐसे प्रत्याशियों को तीन साल के लिए निर्वाचन के अयोग्य घोषित कर दिया जाता है. वहीं भारतीय दंड संहिता के तहत भी अनाधिकृत लेन देन के लिए कार्रवाई का प्रावधान है.