शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव की चुनावी बिसात बिछ चुकी है। इस बीच इंडिया गठबंधन की बहुजन समाज पार्टी (बीसपी) सुप्रीमो मायावती ने पूरे प्रदेश में प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर सियासी खलबली मचा दी है। बीसपी के चुनावी मैदान में उतरने से सत्ताधारी बीजेपी और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का सियासी गणित गड़बड़ा गया है। बीएसपी के निशाने पर बीजेपी और कांग्रेस है। एमपी में 29 सीटों पर बीएसपी प्रत्याशियों के चुनावी मैदान में उतरने से दोनों पार्टियों के वोट प्रभावित होंगे। माना जाता है कि बीएसपी के अपने परंपरागत वोटर्स है। वहीं बीएसपी के मौदान में उतरने के ऐलान के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बयान भी सामने आए हैं।
बीजेपी को चुनाव में फर्क नहीं पड़ेगा
बीजेपी के दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि- बीएसपी भी राजनीतिक दल और चुनाव लड़ना उनका भी अधिकार है। इस निर्णय का बीजेपी स्वागत करती है। एमपी में बीजेपी सबसे प्रभावी है। सभी 29 सीटों पर 50 फीसदी अधिक वोटों से बीजेपी जीतेगी। कांग्रेस, बसपा, सपा, समेत अन्य सभी दल एकजुट हो तो भी बीजेपी को चुनाव में फर्क नहीं पड़ेगा।
सबसे बेहतर विकल्प कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मिथुन अहिरवार ने कहा है कि -सभी सियासी दलों को चुनाव लड़ने का अधिकार है। बीते चुनावी परिणामों का राजनीतिक दल अध्ययन भी करें। परफॉर्मेंस के आधार पर फैसला लें। प्रदेश की जनता के पास लोकसभा चुनाव में दो राजनीतिक पार्टियों के विकल्प है। सबसे बेहतर विकल्प कांग्रेस ही है। बीजेपी ने जनता को ठगने का काम किया है। तीसरे, चौथे, पांचवें, छठवें विकल्प की मध्य प्रदेश में कोई संभावना नहीं है।
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