पिछले तीन लोकसभा चुनाव में सक्रिय रहे पंजाब के प्रमुख चेहरे इस बार के लोकसभा चुनाव में गायब होने जा रहे हैं। पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धृ, फिल्म अभिनेता सन्नी दिओल, पूर्व सांसद डाॅ. धर्मवीर गांधी, प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत कई ऐसे चेहरे हैं, जो लोकसभा चुनाव 2024 नहीं लड़ेंगे।

साथ ही ऐसे भी कई नेता हैं, जिन्होंने पिछला चुनाव तो लड़ा था, लेकिन ये लोकसभा चुनाव वह नहीं लड़ेंगे। पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल ही में साफ कर दिया था कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। अगर उनको लोकसभा जाना होता तो वह कब के मंत्री बन गए होते। वह अमृतसर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ते रहें हैं।

Navjot Sidhu

2004 में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे और लोकसभा चुनाव लड़कर यहां से 2014 तक सांसद रहे। हालांकि राज्यसभा में जाने के बाद उन्होंने पार्टी को अलविदा कहकर इस्तीफा दे दिया था और 2017 में कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया। इसी तरह फिल्म अभिनेता सन्नी दिओल भी इस लोकसभा चुनाव से गायब होने जा रहे हैं। वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में उन्होंने गुरदासपुर सीट से जीत हासिल की थी। हाल ही में उन्होंने भी एक सवाल के जवाब में कहा था कि वह अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।


यही कारण है कि भाजपा ने भी इस सीट से किसी नये उम्मीदवार की तलाश शुरू कर दी है। इसी तरह संगरुर सीट पर आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ते रहे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की जगह भी इस बार पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

पार्टी की तरफ से पंजाब के लिए जारी की पहली सूची में मीत हेयर को इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। आप में शामिल होने के बाद सीएम मान ने वर्ष 2014 में संगरुट सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था और 533,237 मत पाकर शिअद उम्मीदवार सुखदेव सिंह ढींढसा को मात दी थी।

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2019 में इसी सीट से उन्होंने दोबारा लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की। वहीं 18 जनवरी 2022 को उन्हें 2022 पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी की ओर से पंजाब के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में चुना गया। पार्टी की तरफ से करवाई गई पोलिंग के बाद ही इसकी घोषणा की गई थी।


कैप्टन की फिर से पत्नी को चुनाव लड़ाने की तैयारी


पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आगे भी अपनी पत्नी को ही लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2014 में अमृतसर सीट से कांग्रेस पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ा था और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली को मात दी थी। हालांकि अब वह खुद ही भाजपा में शामिल हो गए हैं।
दो दिन पहले उनकी पत्नी परनीत कौर ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। परनीत कौर फिलहाल पटियाला सीट से सांसद है और कांग्रेस सीट पर लड़कर उन्होंने ये चुनाव जीता था। कैप्टन इस बार भी परनीत कौर को ही लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं।


धर्मवीर गांधी भी नहीं लड़ रहे चुनाव


कांग्रेस नेता एवं पूर्व सांसद डाॅ. धर्मवीर गांधी भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। डॉ. गांधी ने कहा कि बढ़ती उम्र और उनकी सेहत इजाजत नहीं देती है कि वह आगे भी लोकसभा चुनाव लड़ें। हालांकि कांग्रेस पार्टी की तरफ से जो भी उम्मीदवार तय किया जाएगा, उसके लिए वह प्रचार करेंगे। उन्होंने पटियाला सीट पर आम आदमी पार्टी से 2014 लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। इसके अलावा पंजाब कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के भी इस बार चुनाव लड़ने की कम संभावना है, क्योंकि वह प्रदेश प्रधान होने के साथ ही गिद्दड़बाहा से विधायक भी है। वडिंग ने वर्ष 2019 में बठिंडा सीट से हरसिमरत कौर बादल के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था।


अरुण जेटली का भी नहीं रहा साथ


पूर्व वित्त व भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का 2019 में निधन हो गया था, जिसके चलते भाजपा को इस लोकसभा चुनाव में जेटली की भी कमी खलेगी। उन्होंने अमतृसर सीट से कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें कैप्टन विजय रहे थे। जेटली ने वर्ष 2014 से लेकर 2019 तक केंद्र सरकार में वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री के पद पर भी अपनी सेवाएं दी।