रायपुर। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के गठन के बाद लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण में तेजी आ गई है. वर्ष 2018 के आखिरी तीन महीनों की तुलना में वर्ष 2019 के शुरुआती तीन महीनों में समय-सीमा में निराकृत होने वाले आवेदनों का प्रतिशत 73 से करीब छह प्रतिशत बढ़कर 79 हो गया है. आवेदनों के निराकरण का प्रतिशत ही नहीं बढ़ा है, बल्कि इनके समय-सीमा में निराकरण होने की दर भी बढ़ी है. समय सीमा के बाद निराकृत किए जाने वाले आवेदनों में 28 प्रतिशत की कमी आई है, अधिकाधिक प्रकरणों का निराकरण अब समय-सीमा में हो रहा है.

इस अधिनियम के तहत प्राप्त होने वाले आवेदनों में नान डिजिटलाइज्ड नकल, मूल निवासी प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, अनुसूचित जाति-जनजाति प्रमाण-पत्र जैसे मामलों की संख्या सबसे अधिक होती है. माह जनवरी में नयी सरकार बनने के तुरत बाद शासन ने निर्देश जारी किए थे कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों का निराकरण समय-सीमा के भीतर किया जाना सुनिश्चित किया जाए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पहले कलेक्टर कान्फ्रेंस के दौरान ही सभी विभागों के अधिकारियों और जिला कलेक्टरों को कहा था कि इस संबंध में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

वर्तमान में लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के अंतर्गत 200 से अधिक नागरिक सेवाओं को अधिसूचित किया गया है. 126 सेवाएं आनलाइन माध्यमों से प्रदान की जाती हैं. अधिनियम के तहत इन सेवाओं को समय-सीमा के भीतर प्रदाय किए जाने की बाध्यता है.

अक्टूबर-दिसंबर 2018 तक की अवधि में 5 लाख 73 हजार 459 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 4 लाख 21 हजार 243 समय सीमा के भीतर अनुमोदित किए गए. जबकि जनवरी-मार्च 2019 की अवधि में 5 लाख 30 हजार 892 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 4 लाख 22 हजार 598 समय सीमा के भीतर अनुमोदित किए गए.

वित्तीय वर्ष 2019-20 में अब तक नान डिजिटलाइज्ड नकल (भूमि दस्तावेज आदि) के लिए 37 हजार 561 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 34 हजार 745 अनुमोदित कर दिए गए हैं. मूल निवासी प्रमाण-पत्र के लिए 20 हजार 340 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 20 हजार 194 आवेदन अनुमोदित कर दिए गए हैं. अनुसूचित जाति-जनजाति प्रमाण पत्र के लिए प्राप्त 14 हजार 755 आवेदनों में से 13 हजार 695 आवेदन अनुमोदित कर दिए गए हैं. इसी तरह के 43 से अधिक मामलों के लिए कुल 1 लाख 36 हजार 86 आवेदन अब तक प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1 लाख 33 हजार 674 अनुमोदित कर दिए गए हैं.