रायपुर- देश में अपनी तरह का अनूठा अभियान बन चुका लोक सुराज का आगाज आज जैसे ही मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने किया, वैसे ही ट्विटर पर यह चंद मिनटों में ही टाॅप ट्रेंड पर जा पहुंचा है. देशभर में लोक सुराज को सोशल मीडिया ट्विटर पर लोग सर्च कर रहे हैं.

ट्विटर ट्रेंड की मानें तो दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित इंटरनेशनल सोशल एलायंस इवेंट के बाद यदि दूसरी कोई चीज सबसे ज्यादा सर्च की जा रही है, तो वह लोक सुराज अभियान ही है. मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह अपने आफिशियल ट्विटर एकाउंट के जरिए पल-पल की अपडेट भी साझा कर रहे हैं.

कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखंड के बण्डागांव में आकस्मित निरीक्षक के लिए उतरे डाॅ.रमन सिंह ने गांव में ही ग्रामीणों की चौपाल लगाकर उनकी समस्याओं को ना केवल सुना बल्कि मौके पर ही अधिकारियों को तमाम समस्याओं के निराकरण के लिए निर्देशित किया है. गांव के आंगनबाड़ी केंद्र का जायजा लेने के दौरान मुख्यमंत्री ने दो बच्चों अनुराग निषाद और हिमांशु निषाद को पल्स पोलियो की ड्राप पिलाई. गांव की महिला खेमता कुंजाम के घर भी गए. मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने आंगनबाड़ी केंद्र में एक बच्चे को गोद में लिए अपनी तस्वीर ट्विटर पर भी टैग करते हुए लिखा है कि-

के तीसरे चरण की शुरुआत मैंने बांड़ाटोला में नन्हें अनुराग को पल्स पोलियो ड्रॉप की खुराक देकर की। ग्रामवासियों की स्वास्थ्य के प्रति सजगता विकास की तरफ़ बढ़ते छत्तीसगढ़ का प्रतीक है

मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने अपने एक दूसरे ट्वीट में उस बच्चे की कविता का जिक्र किया है, जिसने सीएम को अपने बीच पाकर एक भावविभोर करने वाली कविता सुनाई. रमन ने अपने ट्विटर हैंडलर पर लिखा है कि-

“जगमग उज्ज्वल तारों सा दमकूँ मैं, मेरी अभिलाषा है” कविता की यह पंक्ति जितनी प्रेरक है उतना ही आत्मविश्वास मैंने बेटी शीतल की आवाज़ में महसूस किया जब उसने अपनी प्यारी आवाज़ में यह कविता सुनाई। यह आत्मविश्वास मैं छत्तीसगढ़ के हर ग्रामवासी में देख रहा हूँ।

मुख्यमंत्री ने अपने तीसरे ट्वीट में लोक सुराज अभियान का मकसद बताते हुए लिखा है कि-

लोक सुराजअभियान के दौरान जनता को सरकार के पास नहीं आना पड़ता बल्कि सरकार जनता के घर-द्वार पहुँचती है:

डाॅ.रमन सिंह लोक सुराज अभियान के तहत 31 मार्च तक प्रदेशभर के दौरे पर रहेंगे. भीषण गर्मी के हालात में गांव में लगाई जाने वाली चौपाल में ना केवल ग्रामीणों से सीधा संवाद होगा, बल्कि सरकार भी ग्रामीणों की दहलीज पर मौजूद होगी.