कोण्डागांव. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रविवार को प्रदेशव्यापी लोक सुराज अभियान के आठवें दिन राज्य के नक्सल प्रभावित कोण्डागांव जिले के ग्राम पुसापाल (विकासखंड-माकड़ी) का अचानक दौरा किया. उन्होंने वहां बरगद की घनी छांव में आयोजित चौपाल में विभिन्न शासकीय योजनाओं के बारे में ग्रामीणों से बातचीत की.

गांव के पैदल भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री एक जगह पेड़ की डाल पर खेल रहे बच्चों को देखकर ठहर गए और हाथ मिलाकर उनका उत्साह बढ़ाया. उन्होंने बच्चों से उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा और यह भी पूछा कि वे क्या खेलते हैं ? इस पर बच्चों ने उन्हें बताया कि क्रिकेट खेलते हैं, लेकिन बल्ला टूट गया है. मुख्यमंत्री ने इन बच्चों को बल्ला खरीदने के लिए तत्काल पांच सौ रूपए दिए. डॉ. सिंह ने कहा-इन बच्चों से मिलकर मुझे भी अपना बचपन याद आ गया.

उन्होंने गांव की राशन दुकान का भी निरीक्षण किया और इस दुकान का संचालन कर रहे महिला स्वसहायता समूह की सदस्य महिलाओं के आग्रह पर मिट्टी तेल टैंकर की स्वीकृति तुरंत प्रदान कर दी. चौपाल में मुख्यमंत्री ने पुसापाल के ग्रामीणों के आग्रह पर महिला मंगल भवन निर्माण के लिए पांच लाख रूपए, ग्राम पंचायत मुख्यालय पुसापाल और आश्रित गांव कोटवेल में सीसी रोड निर्माण के लिए पांच-पांच लाख रूपए तत्काल मंजूर करने की घोषणा की. उन्होंने 15 किसानों के खेतों में भूमि समतलीकरण के लिए भी अपनी स्वीकृति तत्काल प्रदान कर दी. इसके साथ ही उन्होंने एक ग्रामीण को मुर्गीपालन के लिए शेड निर्माण की भी मंजूरी दी.

डॉ. सिंह पुसापाल में हेलीकॉप्टर से उतरते ही सबसे पहले बिना किसी पूर्व सूचना के वहां के आदिवासी किसान घासीराम नेताम के घर पहुंच गए. नेताम अपने परिवार के साथ उस समय आंगन में तुलसी चौरे में पूजा कर रहे थे. प्रदेश के मुखिया को अचानक अपने आंगन में देखकर नेताम परिवार आश्चर्य चकित रह गया. मुख्यमंत्री ने भी उनके साथ तुलसी चौरे की पूजा की और नेताम परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. नेताम ने उनके स्वागत में तत्काल मक्का भूनकर उन्हें दिया. डॉ. सिंह ने भी बड़े चाव से मक्के के दानों का स्वाद लिया.

नेताम ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे अपने एक एकड़ की बाड़ी में मक्के की खेती कर रहे हैं. डॉ. सिंह उनकी बाड़ी में भी गए. नेताम ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य सरकार से उन्हें दो साल पहले सिंचाई पम्प मिला है. लगभग 15 से 20 बोरा मक्के की पैदावार मिल जाती है, जिसे बाजार में बेचने पर उन्हें अच्छी अतिरिक्त आमदनी हो जाती है. घासीराम नेताम अपनी बाड़ी में टमाटर, बैंगन और धनिये की खेती कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री नेताम की बाड़ी देखने के बाद जब उनके घर आए तो उनकी दो बेटियों-मंजू और मनीषा ने मुख्यमंत्री को ग्रीटिंग कार्ड बनाकर भेंट किया. डॉ. सिंह ने दोनों बेटियों के हाथों हुनर की तारीफ करते हुए उनका उत्साह बढ़ाया.

मुख्यमंत्री ने घासीराम नेताम से कहा कि राज्य सरकार ने सहकारी समितियों में धान की तरह मक्के की खरीदी भी समर्थन मूल्य पर करने की व्यवस्था की है. इस वर्ष मक्के का समर्थन मूल्य 1425 रूपए प्रति क्विंटल तय किया गया है. उन्होंने नेताम को इससे कम कीमत में मक्का नहीं बेचने की भी समझाइश दी.

डॉ. सिंह ने पुसापाल में एक अन्य किसान श्री रायसिंह नेताम के खेतों में हो रहे भूमि समतलीकरण के कार्य को भी देखा. रायसिंह को राज्य शासन द्वारा दो एकड़ भूमि पर वन अधिकार मान्यता पत्र दिया गया है और इसी भूमि के समतलीकरण में वे लगे हुए थे. उन्हें भूमि समतलीकरण के लिए 39 हजार रूपए भी शासन द्वारा मंजूर किए गए हैं. राय सिंह का परिवार के सदस्य भी तेंदूपत्ता संग्रहण करते हैं. मुख्यमंत्री के पूछने पर नेताम दम्पत्ति ने बताया कि उन्हें तेंदूपत्ते का बोनस भी मिला है,

लेकिन नेताम की पत्नी राजवंती नेताम को चरणपादुका नही मिल पाई है. इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल वन विभाग के अधिकारियों से एक जोड़ी चप्पल मंगवाकर राजवंती नेताम को सौंपा.

मुख्यमंत्री की चौपाल में राज्य नागरिक आपूर्ति निगम की अध्यक्ष और प्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री लता उसेंडी, मुख्य सचिव अजय सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.