रायपुर. छत्तीसगढ़ लोक आयोग ने नारायण लाल शर्मा की शिकायत पर मुद्रण कार्य में अनियमितता बरते जाने पर पाठ्य पुस्तक निगम के तत्कालीन प्रबंध संचालक जे मिंज, तत्कालीन महाप्रबंधक सुभाष मिश्रा और तत्कालीन उप प्रबंधक मुद्रण संजय पिल्ले और मुद्रकों के विरुद्ध के खिलाफ धारा 420, 120 बी भादवि एवं सहपठित धारा 13(1) डी, 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अभियोजन कार्रवाई करने की अनुशंसा स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव से की है.
प्रमुख लोकायुक्त जस्टिस टीपी शर्मा ने आदेश जारी कर स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव से तीन माह के भीतर अनुशंसा का परीक्षण कर की गई कार्रवाई या फिर प्रस्तावित कार्रवाई की सूचना लोक आयोग को देने कहा है. उपयुक्त कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में आयोग राज्यपाल को विशेष प्रतिवेदन प्रेषित करेगा.
भंडार क्रय नियमों का किया उल्लंघन
नारायण लाल शर्मा की शिकायत के अनुसार, पाठ्य पुस्तक निगम के अधिकारियों ने भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन कर रायपुर और दुर्ग के दो मुद्रकों को बिना निविदा आमंत्रित किए मुद्रण कार्य दिया था. इसमें कई बार दरों में संशोधन के अलावा दस्तावेजों में हेरा-फेरी तक की गई. इस गड़बड़ी से लगभग 4 करोड़ रुपए का पाठ्य पुस्तक निगम को नुकसान पहुंचाया गया.
मिल चुकी है अभियोजन की स्वीकृति
इस गड़बड़ी पर नारायण शर्मा ने आर्थिक अन्वेषण ब्यूरों में भी शिकायत की थी, जिस पर सुभाष मिश्रा और संजय पिल्ले के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल चुकी है, वहीं जे मिंज के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति मिलना बाकी है. इसके अलावा दोनों मुद्रकों के खिलाफ विवेचना के पश्चात अभियोग पत्र तैयार कर लिया गया है, जिसे न्यायालय में प्रस्तुत किया जाना है.