MUDA Land Scam: कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बड़ी राहत मिली है. बुधवार को CM सिद्धारमैया (Siddaramaiah) और उनकी पत्नी को भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था के लोकायुक्त ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण भूमि (MUDA) घोटाला में क्लीन चिट दे दी है. लोकायुक्त ने कहा कि MUDA स्कैम में सिद्धारमैया या उनकी पत्नी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. लोकायुक्त (Lokayukta) ने शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को नोटिस जारी कर कहा कि सबूतों के अभाव में मामला जांच के लायक नहीं है.

मुदा (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) भूमि घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य पर साइट आवंटन में अनियमितता का आरोप लगाया गया था. सीएम सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पर भारतीय दंड संहिता, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम और कर्नाटक भूमि हड़पने अधिनियम की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले की जांच पूरी हो गई है.
खत्म हुई इंतजार की घड़ियां, भारत में दौड़ेगी Tesla की कार, जानें कब तक होगी लॉन्च
मैसूर लोकायुक्त ने जांच रिपोर्ट में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी सहित अन्य आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है. लोकायुक्त की जांच में कोई आपराधिक गड़बड़ी नहीं पाई गई, जिसके कारण आरोपी को दोषमुक्त करते हुए अंतिम रिपोर्ट पेश की गई. लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता स्नेहमयीकृष्ण को नोटिस भी जारी किया है.
नई दिल्ली स्टेशन हादसे पर हाई कोर्ट ने रेलवे से मांगा जवाब; आप जरूरत से ज्यादा टिकट क्यों बेचते हैं?
मुदा (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) भूमि घोटाले, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मुख्य आरोपी हैं, की जांच पूरी हो गई है. मैसूर लोकायुक्त ने जांच रिपोर्ट में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी सहित अन्य आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है. लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता स्नेहमयीकृष्ण को नोटिस जारी कर कहा है कि साक्ष्य के अभाव में मामला जांच के लायक नहीं है. यदि उन्हें इस रिपोर्ट पर कोई आपत्ति है तो वे नोटिस प्राप्त होने के एक सप्ताह के भीतर मजिस्ट्रेट के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.
सबूत के अभाव में क्लीन चिट
मुदा स्कैममामले में आरोपी 1 से लेकर आरोपी 4 के खिलाफ आरोप सबूतों के अभाव में साबित नहीं हो पाए हैं. जांच की अंतिम रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय को सौंपी जाएगी. बता दें कि शिकायत में सिद्धारमैया व अन्य पर आरोप हैं कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण ने 2016 से 2024 तक 50:50 के अनुपात में प्रतिपूरक भूमि उपलब्ध कराई. क्लीन चिट देते हुए लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को जारी नोटिस में कहा कि वह इस मामले में अतिरिक्त जांच करेंगे और अदालत को अंतिम रिपोर्ट सौंपेंगे.
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक