संतोष राजपूत, शुजालपुर। सिटी सिविल अस्पताल में घटिया निर्माण की जांच करने आए लोकायुक्त दल के सामने एनएचएम के कार्यपालन यंत्री मुर्दाघर में गश खाकर अचानक गिर पड़े। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में ही उपचार दिया गया। वहीं जांच के नाम पर लोकायुक्त खानापूर्ति करते नजर आया।

दरअसल, शाजापुर जिले के शुजालपुर सिटी सिविल अस्पताल में लोकायुक्त भोपाल से जांच करने आए कार्यपालन यंत्री लोकायुक्त केएल मोदी, तकनीकी सहायक सुनील केलकर शिकायत के संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन शाजापुर कार्यपालन यंत्री मनोज शर्मा, सब इंजीनियर ज्योति अकोदिया के साथ मुर्दाघर में मौजूद थे। जहां उन्होंने पोस्टमार्टम कक्ष के निर्माण की कमियों के बारे में चर्चा की।

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मौके पर जब लोकायुक्त अफसरों से खानापूर्ति की बात करते हुए शिकायतकर्ता ने तकनीकी स्वीकृति, मेजरमेंट बुक न लाने की वजह पूछी तो एनएचएम ईई मनोज शर्मा बाहर जाने लगे और चक्कर आने से जमीन पर बैठ गए। तत्काल स्ट्रेचर लाकर उनका बीपी, शुगर व अन्य जांच की गई। उन्होंने भूखे पेट रहने से चक्कर आना बताया। एक ठेकेदार को बुलाकर उन्होंने नारियल पानी मंगवाया और बाद में अस्पताल से चले गए।

इधर जांच दल ने मौके पर पाया कि घटिया निर्माण की वजह से टपकती छत का सच छुपाने के लिए कुछ दिन पहले पेंट कराया गया। उप यंत्री एनएचएम ज्योति अकोदिया ने जांच दल के सामने यह भी कहा की ड्रेनेज तोड़ कर भवन के पुराने गड्डे के स्थान पर बनाया है। अफसरों के सामने एनएचएम अधिकारी कचरा होने से पानी निकासी रुकने का बहाना बनाते रहे, लेकिन सफाई के बाद भी ड्रेनेज में पीएम रूम की निकासी का पानी नहीं गया।

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खोंखले टाइल्स बजाकर देखने के साथ इस दल को पोस्ट मार्टम कक्ष के गेट के नीचे फर्श के बीच छूटी पर्याप्त जगह से चूहों के आने जाने की संभावना को भी नोट किया। जिन अफसरों के घटिया निर्माण की शिकायत की गई थी, उनकी गलतियों पर पर्दा डालने की कोशिश लोकायुक्त के जांच दल अधिकारी करते नजर आए।

जानकारी के अनुसार, सिटी इलाके के सिविल अस्पताल में बनाए गए मुर्दाघर यानी पोस्टमार्टम रूम में हुए घटिया निर्माण व भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त में होने के बाद तकनीकी अफसरों का दल शुजालपुर जांच करने आया था। इस मुर्दाघर के हैंड ओवर होने से पहले अस्पताल प्रबंधन ने जिम्मेदारों को निर्माण की कमियों को दूर कराने पत्र लिखा था, जिसे दरकिनार कर जिम्मेदारों ने बिना कमियां दूर कराए बिल्डिंग हैंड ओवर करवा दी थी। 30 लाख से अधिक की लागत का नया पोस्टमार्टम कक्ष हैंड ओवर होने से पहले ठेकेदार द्वारा निर्माण में छोड़ी गई कमियां दूर करने अस्पताल प्रभारी ने 26 मई 2022 को सीएमएचओ को पत्र लिख अवगत कराया था।

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