दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराए जाने की बात कह चुके हैं. हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त ने भी इस बात के संकेत दे दिए हैं कि अगर केंद्र और राज्य सरकारें इस बात के लिए राजी हैं तो उसे लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने में कोई दिक्कत नहीं है. अब इस बारे में राष्ट्रपति ने भी संकेत दे दिया है. जिससे इस बात की पुख्ता उम्मीद की जा रही है कि हो न हो इस साल के अंत तक लोकसभा और कई राज्यों के विधानसभा के चुनाव एकसाथ हो सकते हैं.
सोमवार से शुरु हुए बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपना अभिभाषण दिया. ये अभिभाषण सरकार की मंशा होती है जिसे राष्ट्रपति सदस्यों के सामने रखता है. राष्ट्रपति ने आज के अपने अभिभाषण में इस बात का जिक्र किया. जिससे लगभग-लगभग साफ हो गया है कि सरकार इस बात को लेकर बेहद गंभीर है. अगर ऐसा होता है तो लगभग दर्जनभर राज्य ऐसे होंगे जहां साल के अंत तक चुनाव हो जाएंगे. इनमें वे राज्य भी शामिल होंगे जिनमें अगले छह महीनों में चुनाव होने वाले हैं. अगर सरकार ऐसा करने में सफल रहती है तो 2023 में देश में लोकसभा चुनाव के साथ साथ विधानसभा चुनाव भी होंगे.
दरअसल साल के अंत तक राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम में चुनाव होने हैं. इसके अलावा बिहार, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में आगले साल के मध्य में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके बावजूद ये राज्य इस बात के लिए कमर कस चुके हैं कि अगर विधानसभा चुनाव छह महीने पहले भी हो जाय तो वे इसके लिए तैयार हैं. बिहार के चीफ मिनिस्टर नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फणनवीस, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू औऱ तेलंगाना के सीएम टी.चंद्रशेखर राव इस बात के लिए सहमति दे चुके हैं कि अगर उनके राज्य में छह महीने पहले यानि इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव हो जाएं तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं है. इन राज्यों के राजनीतिक दल चुनावों के लिए कमर कस भी चुके हैं. उधर तमिलनाडु में चल रहे भयंकर राजनीतिक उठापटक के चलते राज्य का हर राजनीतिक दल चाहता है कि वहां जल्द विधानसभा चुनाव कराए जाएं.
खास बात ये है कि सरकार त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय औऱ कर्नाटक के चुनावों को भी दिसंबर के लिए खिसकाकर इनको भी एकसाथ कराए जाने के मूड में है. उधर जब मुख्य चुनाव आयुक्त से एकसाथ लोकसभा औऱ विधानसभा चुनाव कराए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने भी अपनी सहमति देते हुए कहा कि आयोग हर वक्त हर स्थिति के लिए तैयार है. अगर ऐसा होता है तो उनके पास पूरी तैयारी है. पीएम मोदी कई बार कई मंचों से ये बात कह चुके हैं और राष्ट्रपति के अभिभाषण में एक देश एक चुनाव की बात का जिक्र कर राष्ट्रपति ने संकेत दे दिया कि सरकार इसको लेकर बेहद गंभीर है. अगर सबकुछ ठीक रहा तो यकीन जानिए 2023 से देश में विधानसभा औऱ लोकसभा के चुनाव एकसाथ कराए जाएंगे. वैसे सरकार की मंशा इस साल के आखिर तक विधानसभा और लोकसभा चुनाव कराए जाने की है. ये बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण से साफ हो गया. देखना है कि सरकार अगला कदम इस बारे में क्या उठाती है.