पीलीभीत. वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी के टिकट कटने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. केंद्र सरकार की नीतियों विशेष कर कृषि और स्वास्थ्य को लेकर वरुण गांधी लगातार अपनी ही पार्टी को, घेरते रहे हैं.

बीजेपी को ओर से जारी की गई अभी तक की लोकसभा उम्मीदवारों की लिस्ट में वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी का नाम नहीं है. वरुण ने अनिश्चितता के बीच अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में अपनी निजी ‘चुनावी सेना’खड़ी कर दी है, जो पिछले छह महीने से उनके निर्वाचन क्षेत्र में वोटरों के बीच ‘ब्रांड वरुण’ को प्रचारित कर रही है. सांसद बनने के बाद वरुण गांधी ने पीलीभीत की बीजेपी की लोकल पार्टी इकाई से दूरी बनाए रखी.

 उनका मानना है कि दो लोकसभा चुनाव जीतने के बाद वो खुद अकेले ही अब इन चीजों को संभाल सकते हैं. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से घोषित किए गए प्रत्याशियों का वरुण गांधी ने विरोध तक किया था. वरुण को अपने खिलाफ पार्टी के अंदर विरोध की आशंका है. इसको देखते हुए उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से इतर एक बड़ी टीम बनाई है. उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि पिछले सितंबर में निर्वाचन क्षेत्र को पांच खंडों में बांटा गया. ग्रामीण क्षेत्रों में 800 और शहरी क्षेत्रों में 100 से अधिक चुनाव समन्वयक नियुक्त किए गए हैं.