हेमंत शर्मा, इंदौर। चुनौती और संकट के बीच इंदौर लोकसभा सीट उलझी। कांग्रेस को नहीं मिल रहा कोई उम्मीदवार तो वहीं उम्मीदवारों की लंबी लिस्ट में से उम्मीदवार का नाम फाइनल करना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती तो कांग्रेस के सामने उम्मीदवार तलाशना बड़ा संकट बना हुआ हैं। एक दौर था जब मध्य प्रदेश की राजनीति का केंद्र इंदौर को माना जाता था कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता सुरेश सेठी प्रकाशचंद सेठी, कृपा शंकर शुक्ला, महेश जोशी जैसे बड़े नेता इंदौर से राजनीति करते थे और आज का दौर हैं जब कांग्रेस के सामने नया संकट खड़ा हो चुका हैं जब इंदौर से चुनाव लड़ने वाला कोई उम्मीदवार नहीं मिल रहा हैं।

मध्य प्रदेश की सियासत का केंद्र इंदौर

एक दौर था जब इंदौर को मध्य प्रदेश की सियासत का केंद्र माना जाता था। उस दौर में कांग्रेस के दिग्गज नेता कन्हैयालाल खाड़ीवाला, प्रकाशचंद सेठी, नंदलाल जोशी, महेश जोशी, कृपा शंकर शुक्ला राजनीति करते थे। मध्य प्रदेश की सियासत इंदौर के इर्द गिर्द घूमा करती थी। आज इंदौर से लोकसभा का चुनाव लड़ने वाला कोई उम्मीदवार कांग्रेस को नहीं मिल रहा है वजह साफ है कांग्रेस को अपनी हार इंदौर में साफ दिखाई दे रही है क्योंकि आठ बार सुमित्रा महाजन इंदौर से सांसद रह चुकी है वर्तमान में शंकर लालवानी सांसद है पिछले 9 बार की लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है।

इंदौर लोकसभा भाजपा का गढ़

मध्य प्रदेश का इंदौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भाजपा का गढ़ कहा जा सकता है। यहां लोकसभा स्पीकर और बीजेपी नेता सुमित्रा महाजन 1989 से लगातार आठ बार से लोकसभा चुनाव जीतती आ रही हैं। वर्तमान में यह से शंकर लालवानी सांसद है कांग्रेस की बात करें तो आखिरी बार यहां कांग्रेस आखिरी बार 1984 में जीती थी जिसमें कांग्रेस के प्रकाश चंद्र सेठी दो लोकसभा चुनाव 1980 और 1984 के जीते थे। इंदौर लोकसभा सीट में दीपालपुर, इंदौर-1, इंदौर-2, इंदौर-3, इंदौर-4, इंदौर-5, राउ और सांवेर विधानसभा सीट आती हैं।

सबसे ज्यादा दबदबा बीजेपी की सुमित्रा महाजन का

इसके पहले एक बार 1977 में भारतीय लोक दल के कल्याण जैन और कम्युनिस्ट पार्टी के होमी एफ दाजी भी 1962 में चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन सबसे ज्यादा दबदबा बीजेपी की सुमित्रा महाजन का रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को रिकॉर्ड मतों से हराया था। 2018 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से पंकज संघवी और बीजेपी से शंकर लालवानी को मैदान में उतारा था लालवानी को उमीद 1 लाख वोट से जितने की थी लेकिन लालवानी 5 लाख 47 हज़ार 754 वोटों से रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल हुई हालांकि ये मोदी का जादू था

वर्ष 1989 में नौवीं लोकसभा के चुनावों के दौरान सुमित्रा महाजन जब इंदौर से पहली बार चुनावी मैदान में उतरीं, तब इस सीट से कांग्रेस ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के 1972-75 में एमपी के मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाशचंद्र सेठी को उनके सामने उतारा। चुनाव में सुमित्रा महाजन ने उन्हें 1,11,614 के मतों से हराया था। इसके बाद सुमित्रा महाजन की इंदौर लोकसभा सीट से जीतने का सिलसिला लगातार आठ बार तक जारी रही।

अब तक का रिकॉर्ड

1952 नंदलाल जोशी – इंडियन नेशनल कांग्रेस
1957 कन्हैयालाल खादीवाला – इंडियन नेशनल कांग्रेस 1962 होमी एफ दाजी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया
1967 प्रकाश चंद्र सेठी – इंडियन नेशनल कांग्रेस
1971 राम सिंह भाई-इंडियन नेशनल कांग्रेस
1977 कल्याण जैन-भारतीय लोक दल
1980 प्रकाश चंद्र सेठी – इंडियन नेशनल कांग्रेस
1984 प्रकाश चंद्र सेठी-इंडियन नेशनल कांग्रेस
1989 सुमित्रा महाजन-बीजेपी
1991 सुमित्रा महाजन-बीजेपी
1996 सुमित्रा महाजन-बीजेपी
1998 सुमित्रा महाजन- बीजेपी
1999 सुमित्रा महाजन- बीजेपी
2004 सुमित्रा महाजन-बीजेपी
2009 सुमित्रा महाजन-बीजेपी
2014 सुमित्रा महाजन-बीजेपी
2018 सांसद शंकर लालवानी बीजेपी

चुनाव लड़ने से मना कर चुके

कांग्रेस से अभी विशाल पटेल संजय शुक्ला और सत्यनारायण पटेल का नाम चल रहा था। विशाल पटेल संजय शुक्ला बीजेपी में शामिल हो चुके और सत्यनारायण पटेल चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं। वर्तमान में कांग्रेस के पास अनुभवहीन नेता अरविंद बागड़ी, अक्षय बम, स्वप्निल कोठारी जैसे नेता ही बचे है जिन्हे वो मैदान में उतार सकती हैं। बीजेपी के पास डॉक्टर दिव्या गुप्ता, माला ठाकुर, अर्चना चितले, गौरव रणदीवे, निशांत खरे, जयपाल सिंह चावड़ा सहित कई बड़े नाम की लिस्ट है। बीजेपी के लिए इनके बीच से उम्मीदवार का चयन करना बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।

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