London Bridge Attack : आज 3 जून के दिन ही छह साल पहले लंदन ब्रिज पर आतंकी हमला हुआ था. ऐसा हमला जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई और 50 से भी ज्यादा लोग घायल हुए थे. 3 जून 2017 शनिवार रात के 10 बजे आतंकवादियों ने लंदन ब्रिज पर ऐसा कहर बरपाया था कि वो दर्दनाक मंजर सालों तक याद रखा जाएगा. इस हमले के पीछे कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस का हाथ था. इस हमले से ठीक एक दिन पहले आतंकी सरगना ने मैसेजिंग एप से अपने फॉलोवर्स को हमले करने के लिए कॉल किया था.
हमले की शुरूआत में तीन आतंकवादियों ने लंदन ब्रिज पर पैदल चलने वालों पर वैन चलाया. यह वैन लोगों को कुचलते हुए व्यस्त बाजार की ओर बढ़ती चली गई थी. उसके बाद वैन से तीन हमलावर उतरे और रेस्तरां में लोगों पर चाकू से हमले करने शुरू कर दिए. हमलावर कट्टरपंथी इस्लामवादी आतंकवादी थे. इस हमले में आठ लोगों की मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा घायल हुए थे, जिनमें दो निहत्थे पुलिस अधिकारी थे, जो हमलावरों से लड़ते लड़ते शहीद हुए थे.
तीनों आतंकवादियों के कपड़ों में विस्फोटक लगे हुए थे जो बाद में पुलिस ने स्पष्ट किया कि उनके कपड़ों में लगे विस्फोटक नकली थे, जो प्लास्टिक बॉटल के ऊपर ग्रे कॉलर का टेप लगाकर बनाया गया था और उन्हें केवल दहशत और डर फैलाने के लिए पहना गया था.
लंदन पुलिस ने हमेशा की तरह ऐसी गंभीर परिस्थिति में बेहतरीन साहस और तेजी से जवाब देते हुए कुछ ही देर में ही तीनों संदिग्धों को मार गिराया था. पुलिस ने पहले लोगों को चौकन्ना रहने और अपने घर के अंदर सुरक्षित रहने के लिए ब्रॉडकास्ट सिस्टम का उपयोग किया और फिर के 8 मिनट के अंदर सशस्त्र बल के जवानों ने आतंकवादियों का खात्मा किया.
आतंकियों को कब्र भी नसीब नहीं हुई
हमलावरों का नाम खुर्रम बट्ट, रेचिड रेड्योन और यूसुफ जघवा था. इनमें से दो आतंकवादी खुर्रम शजाद बट्ट और यूसुफ जघवा पाकिस्तानी मूल के थे. इनमें से एक आतंकवादी रेचिड रेड्योन मोरक्को लीबियाई मूल का था. खुर्रम बट्ट की मौत के बाद जब उसे दफनाने का वक्त आया तो लंदन के कई कब्रिस्तानों ने इसकी इजाजत नहीं दी. उन्होंने एक आतंकी का शव अपने यहां दफनाने से मना कर दिया था. जिसके बाद परिवार के लोगों को खुर्रम बट्ट के शव को गुपचुप तरीके से दफन करना पड़ गया था.
बता दें कि यह घटना 3 जून 2017 रात को मशहूर लंदन ब्रिज में हुई थी. इस घटना को अब 6 साल हो गए हैं पर यह इतना भयानक मंजर था कि लंदन वासियों के जहन में यह सालों तक रहेगा.
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