London Underground No Trousers Day: कमर से ऊपर पूरे कपड़े, पैरों में जूते-मोजे, लेकिन कमर से नीचे सिर्फ इनर वियर। लड़के हो या लड़कियां-महिलाएं सभी सिर्फ इनर वियर में घूमते और जाते हुए दिख रहें। ये किसी फैशन शो का नजारा नहीं है। ये हैं….. लंदन ट्यूब (मेट्रो) नो ट्राउजर डे (London tube no trousers day) का नजारा। बता दें कि लंदन में मेट्रो को ट्यूब कहा जाता है।
बच्चे पैदा करो और ले जाओ 1 लाख रुपये, सरकार ने 1 जनवरी से शुरू की यह योजना, ऐसे उठा सकते हैं लाभ
दरअसल विगत रविवार (12 जनवरी) यूके में लंदन अंडरग्राउण्ड नो ट्राउजर डे का आयोदन हुआ। यहां -3 डिग्री टेम्प्रेचर में लोग लंदन मेट्रो में बिना पतलून, पैंट, पजामा के सफर किया। इस अभियान में लड़कियां और महिलाएं भी दिखीं. और वे भी कमर के नीचे मात्र इनर वियर में दिखीं। लंदन केवेस्टमिनिस्टर, वाटरलू, साउथ केनसिंगटन, चाइनाटाउन जैसे मेट्रो स्टेशनों पर ऐसे सैकड़ों पुरुष और महिलाएं दिखीं जिन्होंने पतलून या पजामा नहीं पहन रखा था।
चाइनाटाउन के प्रवेश द्वार पर इकट्ठा होने के बाद, दर्जनों कपड़ों के अराजकतावादी बर्फीली सड़कों से होते हुए मध्य लंदन के पिकाडिली सर्कस अंडरग्राउंड स्टेशन पर पहुंचे, जहाँ उन्होंने अपनी पहली ट्रेन पकड़ी। एकमात्र अड़चन यह थी कि गाड़ियाँ इतनी भीड़भाड़ वाली थीं कि कुछ लोग अपनी पतलून भी नहीं उतार पा रहे थे।
40 वर्षीय निजी प्रशिक्षक, सरगना डेव सेल्किर्क ने कहा, “बहुत कुछ बुरा हो रहा है, बहुत कुछ मज़ेदार नहीं है।” “कुछ करना सिर्फ़ इसलिए अच्छा है क्योंकि यह अच्छा है।
इसका उद्देश्य बिना उद्देश्य के हानिरहित मनोरंजन करनाः चार्ली टोड
इस क्रेज का कॉन्सेप्ट देखने वाले चार्ली टोड ने कहा, “इसका मुख्य उद्देश्य खुशी, आनंद और उलझन के अप्रत्याशित क्षणों का सृजन करना है। उन्होंने कहा, “मैं इस परंपरा को जीवित देखकर बहुत खुश हूं। इसका उद्देश्य बिना उद्देश्य के हानिरहित मनोरंजन करना है। अपने कार्यक्रम का मकसद बताते हुए चार्ली टोड ने कहा, “निश्चित रूप से, हम ऐसे माहौल में रह रहे हैं जहां लोग सांस्कृतिक युद्ध लड़ना पसंद करते हैं और न्यूयॉर्क में मेरा नियम हमेशा से यही रहा है कि मेरा लक्ष्य अन्य लोगों का मनोरंजन करना, लोगों को हंसाना है.यह किसी को भड़काने या परेशान करने के लिए नहीं है, इसलिए उम्मीद है कि यह भावना जारी रहेगी।
जनवरी 2002 में न्यूयॉर्क से शुरू हुआ दिवस
बता दें कि बिना पतलून का दिन मनाने की परंपरा दुनिया में रही है। इस दिवस को बर्लिन, प्राग, येरुशलम, वार्सा और वाशिंगटन डीसी में मनाया जा रहा है। वहीं जनवरी 2002 में न्यूयॉर्क में मात्र सात लोगों के साथ शुरू हुआ यह क्रेज दुनिया भर में फैल गया है। इस साल लंदन में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों प्रतिभागी शामिल हुए।
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक