मनेंद्र पटेल, दुर्ग। दुर्ग के स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में लंबे समय बाद अब नियमित कुलपति का इंतजार खत्म हो चुका है। अक्टूबर 2024 में डॉ. एमके वर्मा के सेवानिवृत्त होने के बाद लगभग 10 माह तक यह पद रिक्त था। वहीं भिलाई इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दुर्ग के तत्कालीन प्राचार्य डॉ. अरुण अरोड़ा ने CSVTU के नियमित कुलपति के रूप में आज, 18 अगस्त 2025 को कार्यभार ग्रहण किया।


दरअसल, पूर्व कुलपति डॉ. एमके वर्मा के रिटायरमेंट के बाद तकनीकी विश्वविद्यालय में कुलपति का पद रिक्त था। इस बीच छत्तीसगढ़ तकनीकी शिक्षा मंत्रालय में अलग-अलग राज्यों से एनआईटी प्रोफेसरों और इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्यों ने इस पद के लिए इंटरव्यू दिया था, जिसमें से डॉ. अरुण अरोड़ा का चयन किया गया।

तकनीकी विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति होने के कारण कई प्रशासनिक और शैक्षणिक निर्णय और फाइलों में तकनीकी दिक्कतों का सामना विश्वविद्यालय प्रशासन को करना पड़ रहा था। लेकिन अब नियमित कुलपति होने से विश्वविद्यालय के कार्यों में गति आएगी। वहीं विद्यार्थियों और सम्बद्ध इंजीनियरिंग कॉलेज से जुड़े मामलों पर विश्वविद्यालय प्रबंधन निर्णय ले सकेगा।
कुलपति पद के लिए 64 प्रोफेसरों ने किया था आवेदन
कुलपति चयन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। जिनके समक्ष उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुवाहाटी, छत्तीसगढ़ के रायपुर NIT के प्रोफेसर, जगदलपुर और अन्य जिलों के इंजीनियरिंग कॉलेज के 64 प्रोफेसरों ने आवेदन किया था। कुलपति चयन कमेटी में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति (राज्यपाल) के अलावा मुख्यमंत्री भी शामिल होते हैं। दो माह की समयावधि के कारण एक बार यह कमेटी भंग भी हुई। लेकिन मार्च माह में कुलपति चयन के बाद कुलाधिपति द्वारा नियुक्ति आदेश जारी न किए जाने के कारण लगभग 10 माह से यह पद रिक्त था। कुलपति के चयन के दौरान रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति सचिदानंद शुक्ला यहां के प्रभारी कुलपति थे।
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