हेमंत शर्मा इंदौर। कोरोना संक्रमण काल में शहर के निजी अस्पतालों में उपचार के नाम पर लूट मची हुई है. भर्ती मरीजों से बेड और दवाई के नाम पर मनमर्जी से बिल वसूले जा रहे हैं. कई अस्पताल संचालक शासन की गाइडलाइन का पालन भी नहीं कर रहे हैं. इसकी शिकायत लगातार मिल रही थी.
गलत जानकारी देने वाले एक अस्पताल संचालक को बाहर भेजा
शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को कलेक्टर ने 30 निजी अस्पताल संचालकों की क्लास ली. उन्होंने सभी अस्पताल संचालकों से बारी-बारी जानकारी ली। इस दौरान गलत जानकारी देने वाले एक अस्पताल संचालक को बाहर भेजकर थाने ले जाने कहा. वहीं दो निजी अस्पताल को तुरंत बंद कराने के निर्देश दिए. उन्होंने सख्ती दिखाते हुए एक अस्पताल संचालक के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए और एक मेडिकल स्टोर को सीलबंद कार्रवाई के निर्देश दिए.
मनमाने बिल वसूली का आरोप
बैठक में कलेक्टर ने संचालकों से अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी बारी बारी से ली. इस दौरान एक संचालक ने गलत जानकारी दी. इसपर नाराज होते हुए उन्होंने बैठक से बाहर निकालकर पुलिस के हवाले करने कहा. उन्होंने संचालकों से सबसे ज्यादा नाराजगी अस्पताल के बिलिंग को लेकर जताई. उन्होंने कहा कि 20 से 30 बिस्तर अस्पताल में बेड का अधिकतम चार्ज एक-दो हजार होना चाहिए और यहां एक दिन का बेड चार्ज 10 हजार वसूला गया है. अधिक बेड चार्ज लेने वाले मिनेश और साईं अस्पताल को तुरंत बंद करने के निर्देश दिए. इसी तरह एप्पल अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन का तीन दिन का हिसाब मांगा. संतोषजनक जवाब नहीं देने पर संचालक के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए.
सात दिनों के बिल जांच करने के निर्देश
उन्होंने सीएमओ को स्वास्थ्य विभाग की टीम बनाकर निजी अस्पतालों के सात दिनों के बिल जांच करने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह स्टॅाकिस्ट द्वारा तय मूल्य से अधिक पर दवाई बेचने के कारण एप्पल अस्पताल के मेडिकल स्टोर को सील करने कहा. उन्होंने सभी संचालकों को सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि आपदा काल में शासन द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के तहत को उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराएं. दोबारा शिकायत आने पर सख्ती के साथ कार्रवाई की जाएगी.