भोपाल। भगवान बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा का शुक्रवार को ह्रदय की गति रुकने से निधन हो गया। वे करीब 45 साल के थे। जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने उनके असामयिक निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि उनके निधन ने हम सभी को मर्माहत किया है। मंगल मुंडा जनजातीय समाज के गौरवशाली प्रतीक और भगवान बिरसा मुंडा की महान परम्परा के उत्तराधिकारी थे। उनका जीवन सादगी, समर्पण और जनसेवा का उदाहरण था। उनके निधन से न केवल झारखंड, बल्कि देश ने एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व खो दिया है।
मंत्री डॉ. शाह ने परमपिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजन को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति देने की कामना की है।
बता दें कि मंगल मुंडा ने झारखंड की राजधानी रांची के रिम्स में अंतिम सांस ली। सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद उनका इलाज चल रहा था। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। लेकिन हार्ट अटैक की वजह से उनका निधन हो गया। रांची से करीब 65 किलोमीटर दूर खूंटी में उनके पैतृक गांव उलीहातु में पारंपरिक आदिवासी तरीके से उनका अंतिम संस्कार किया गया।
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