पौराणिक कथाओं के अनुसार वनवास के दौरान स्वयं भगवान श्रीराम ने भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की थी. माना जाता है कि भगवान राम जब माता सीता और भाई लक्ष्मण को लेकर वनवास के लिए निकले तो उज्जैन के क्षेत्र में पहुंचकर न जाने क्यों उनको अनेक चिंताओं ने घेर लिया. प्रभु राम सोचने लगे कि भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता को लेकर जंगल में निकल तो पड़े हैं लेकिन राह में किसी समस्या का सामना न करना पड़े. इस चिंता से मुक्ति पाने उन्होंने भगवान गणेश का ध्यान किया.
भगवान गणेश ने उन्हें चिंता मुक्ति का वरदान दिया. भगवान गणेश की प्रेरणा से ही उन्होंने चिंता को दूर करने वाली भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भगवान श्री राम द्वारा स्थापित यह अदभुत मंदिर आज भी भव्य रुप में अपना यश पताका फहरा रहा है. बताते हैं कि यहां डिप्रेशन के रोगियों का उपचार होता है.
यह मंदिर है उज्जैन का चिंतामन गणेश मंदिर. वैसे तो पूरे वर्ष इस चिंतामन गणेश मंदिर में भक्तों का आवागमन लगा रहता है, लेकिन इस मंदिर में एक वह समय होता है़ जब दर्शन के लिए भारी भीड़ देखने को मिलती है. यह चिंतामन गणेश मंदिर गणेश चतुर्थी और बुधवार को दर्शनार्थियों से खचाखच भरा रहता है. इस समय आने वाले भक्तों को भगवान गणेश का विशेष आशीर्वाद मिलता है.
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