प्रदीप गुप्ता/कवर्धा।  छत्तीसगढ़ के खजुराहो मैकल पर्वत के गोद में बसे भोरमदेव मंदिर और पंचमुखी बूढ़ामहादेव मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. महाशिवरात्रि के अवसर पर भोरमदेव और पंचमुखी बूढ़ामहादेव मंदिर में श्रद्धालुओं का हुजूम देखने को मिला. दर्शनार्थियों की लंबी कतारें लगी हुई थी.

शिव की बारात में दिखे भूत-प्रेत

धर्म नगरी कवर्धा में पहली बार भगवान शिव की शाही बारात निकाली गई. शहर के मुख्य मार्ग होते हुए शहर के मां महामाया मंदिर पहुंची. बारात में भोलेनाथ शाही रथ पर सवार होकर दूल्हा बने दिखे. शिव की बारात में भूत-प्रेत के साथ अन्य भेष में बाराती दिखे.

ॐ नमः शिवाय की जय घोष से गूंज उठा शहर

बारात में बैंड बाजा धुमाल और डीजे के साथ ॐ नमः शिवाय की जय घोष पूरा शहर में गूंजा. नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा और नगरवासी डीजे और धुमाल के धुनपर जमकर थिरके. शिव और गौरी की विवाह में शहर के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भारी संख्या में शामिल हुए.

मंदिरों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

शहर में भीड़ के मद्देनजर भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. कोरोना को देखते हुए अपेक्षाकृत सावधानी बरती जा रही है. भोरमदेव मंदिर में दर्शनार्थी मास्क पहनकर अंदर जा रहे हैं. बिना मास्क के दर्शनार्थियों को गर्भगृह में जाने की अनुमति नही दी जा रही है.

बारातियों का फूलों से किया गयास्वागत

नगर पालिका अध्यक्ष ने बताया कि महाशिवरात्रि के महापर्व में भगवान शिव की शाही बारात निकाली जा रही है. पंचमुखी बूढ़ा महादेव मंदिर से शिव की बारात निकाली गई है. शहर के महिला और युवा-युवती भारी संख्या में शामिल हुए. बारात में विशेष रूप से झांकी में भूत-प्रेतों की संख्या ज्यादा दिखी. लोग भगवान महाकाल के बाराती बने. शहर वासियों ने बारातियों का फूलों की वर्षा कर स्वागत किया.