राजस्थान. अलवर के काला कुआं स्थान पर वेंकटेश बालाजी दिव्य धाम दक्षिणी शैली पर आधारित भव्य मंदिर है. जो अपनी खूबसूरती के चलते लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है. मंदिर का शिलान्यास 2012 में हुआ और 2016 मे यह बनकर तैयार हुआ था. मंदिर के निर्माण में करीब 6 करोड़ रुपये लागत लगी थी. निर्माण कार्य के लिए हैदराबाद से कारीगर बुलाए गए थे. दावा है कि ये मंदिर इस तरह से बनाया गया है कि रिक्टर स्केल पर 9 तीव्रता तक का भूकंप भी यह आसानी से झेल सकता है.
मंदिर में नीचे प्रवचन हॉल है और ऊपर की जगह गर्भगृह बनाया गया है. जिसमें काले रंग के ग्रेनाइट से निर्मित भगवान वेंकटेश की प्रतिमा है. इनके दक्षिण में भगवती पद्मावती का श्रीविग्रह है. इनके वाम अंग में भगवती गौदंबा का श्रीविग्रह है. भगवान के पार्षद गरुड़जी सामने विराजमान हैं. साथ ही हनुमानजी की प्रतिमा है. मंदिर की पूजा पद्धति भी पूर्ण रूप से दक्षिण शैली पर आधारित है.
फ्लाइट में लाई गई थी भगवान की प्रतिमा
वेंकटेश बालाजी दिव्य धाम मंदिर मे विराजमान भगवान की प्रतिमा को दक्षिण के कारीगरों से बनवाकर फ्लाइट से दिल्ली लाया गया था. दिल्ली से अलवर मंदिर तक भगवान की प्रतिमा कार से लाई गई थी. मूर्ति के निर्माण कार्य को मंदिर के महाराज ने स्वयं समय-समय पर जाकर देखा था. मंदिर की स्थापना पर दक्षिण के राज्य कांचीपुरम, तमिलनाडु, तेलगांना और उत्तरप्रदेश सहित अन्य कई राज्यों के अनेक धर्माचार्य आए थे और विधि-विधान से प्रतिमा को स्थापित करवाया था.
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