संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी। मुंगेली जिला कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने गुरुवार को लोरमी का दौरा कर 50 बिस्तर सरकारी अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान कलेक्टर ने 50 बिस्तर अस्पताल में जल्द ही सोनोग्राफी मशीन और दंत चिकित्सक की सुविधा मुहैया कराने की बात कही.
अस्पताल में चिरायु योजना के तहत चार बच्चों को निःशुल्क श्रवण उपकरण प्रदान किया गया. वहीं कलेक्टर ने एनएचएम फंड घोटाले को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने जानकारी लेकर कार्रवाई की बात कही. बता दें कि 2007 से लेकर 2013 तक अविभाजित बिलासपुर, जिसके अंतर्गत लगभग दस ब्लॉक आते थे, स्वास्थ्य विभाग के एनएचएम फंड में लगभग 17 करोड़ रुपए की राशि का बंदरबांट किया गया था. इस दौरान 6 साल में जीवनदीप समिति, अनटाइड फंड,मेंटनेंस ग्रांट और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा समिति इस चार योजनाओं में करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया.
इसका खुलासा आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज से हुआ है. जिसकी शिकायत लगातार स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष रविन्द्र तिवारी ने विभाग के उच्चाधिकारियों से की थी, जिसपर लोरमी एसडीएम द्वारा विधिवत जांच कराई गई थी. जांच में लोरमी ब्लॉक में 1 करोड़ 20 लाख रुपए की गड़बड़ी पाई गई थी. जिसमें तत्कालीन बीएमओ, बीपीएम, ब्लॉक एकाउंट मैनेजर, और तृतीय वर्ग कर्मचारी दोषी पाए गए थे.
जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन कलेक्टर द्वारा सीएमएचओ मुंगेली को कार्रवाई करने के लिए तीन दफा निर्देशित किया गया, लेकिन सीएमएचओ ने चार साल बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं कीहै. यह गड़बड़ी जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) उत्कर्ष तिवारी के कार्यकाल में उजागर हुई थी. जो आजतक मुंगेली जिले में अपने पद पर काबिज हैं. मामले में कार्यकारी प्रांताध्यक्ष रविन्द्र तिवारी का कहना है कि जल्द ही कार्रवाई नही होगी तो आने वाले दिनों में आंदोलन करेंगे.