उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) प्रदेश के उपभोक्ताओं और जनप्रतिनिधियों के समक्ष ये स्पष्ट किया है कि हाल ही में बिजली दरों को लेकर मीडिया में प्रकाशित कुछ समाचार भ्रामक रूप में प्रस्तुत किए गए हैं, जिनसे उपभोक्ताओं के बीच अनावश्यक भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है.
UPCL फिर से ये स्पष्ट करता है कि बिजली दरों को न तो निगम स्वयं बढ़ाता है और न ही दरों में वृद्धि का कोई भी निर्णय UPCL के हाथ में होता है. राज्य में बिजली दरों का निर्धारण उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग (UERC) की ओर से एक पारदर्शी प्रक्रिया, विस्तृत वित्तीय विश्लेषण और जनसुनवाई के बाद ही किया जाता है.
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निगम का काम केवल नियामक मानकों के अनुसार आवश्यक आंकड़ों और सूचनाओं को आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना है. इसलिए यह कहना कि UPCL बिजली दरों में वृद्धि कर रहा है या उपभोक्ताओं पर बोझ डालना चाहता है, वास्तविकता से परे है.
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