अरविंदर सिंह लवली ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ दिया है. उन्होंने प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और उम्मीदवार कन्हैया कुमार, उदित राज पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, मैंने अचानक 4 पेज की चिट्ठी नहीं लिखी है. 1-2 दिन से मन विचलित चल रहा था. मुझे तकलीफ इस बात की है कि मैंने पद से इस्तीफा दिया है, लेकिन व्यवहार ऐसे किया जा रहा है जैसे मैंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया हो. पद पर रहूंगा या नहीं – जब मुझे लगा कि मैं अपने पद के साथ न्याय नहीं कर पा रहा हूं और कार्यकर्ताओं को न्याय नहीं दिलवा पा रहा हूं तो जिम्मेदारी छोड़ दी.  

लवली ने कहा, हमारी पार्टी तेजी से काम कर रही है. उन्होंने कहा, मैंने एक खत पार्टी अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खड़गे) को लिखा था. वो पत्र मैंने किसी को नहीं दिया था. यह भी देखने की स्थिति है कि वो खत सामने कहां से आया? खत लीक हो जाता है और 2 घंटे में आप फैसला भी ले लेते हैं. कहीं ना कहीं आपको सोचना पड़ेगा कि आखिर चल क्या रहा है? एक तरफ मुझे कहा जा रहा है कि उन्होंने चुनाव से पहले आनन-फानन में इस्तीफा दे दिया. मैं चिट्ठी बाद में देता हूं, लीक पहले हो जाती है और 2 घंटे में इस्तीफा भी मंजूर होता है.

उन्होंने कहा, पार्टी अगर चुनाव हार जाती, तब भी मुझ पर बात नहीं आती. क्योंकि सबको पता था कि दिल्ली कांग्रेस कमेटी का कोई रोल नहीं है. मैंने अपने लिए नहीं, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए पद छोड़ा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव में जो उम्मीदवार बुलाएगा, उसके प्रचार में हिस्सा लूंगा.

‘बीजेपी में जाने का सवाल ही नहीं’

बीजेपी के साथ जाने के सवाल पर कहा, मैंने कल भी स्पष्ट किया और मैंने उस चिट्ठी में भी कहा है. अगर मैं कहीं शामिल होना चाहता हूं तो मुझे एक लाइन का इस्तीफा लिखने से कौन रोक रहा था. मैंने इस्तीफे में कारण इसलिए लिखे हैं, शायद उन्हें दुरुस्त कर लिया जाए. जिस तरह से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है, उससे अगर पीड़ा ना होती तो क्यों पद छोड़ते. मुझे थोड़ी पार्टी से बाहर निकाला जा रहा था.