भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के प्रति अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है. केंद्र सरकार के निर्देश पर देश के 244 जिलों में 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जबकि जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में कई दिनों से अभ्यास चल रहा है. इस बीच, दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पर लॉन्ग रेंज एकॉस्टिक डिवाइस (LRAD) सिस्टम को स्थापित किया गया है, और पुलिस अधिकारियों को इस प्रणाली के संचालन के बारे में जानकारी प्रदान की गई है.

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क्या है LRAD सिस्टम?

LRAD एक विशेष ध्वनि-आधारित उपकरण है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को सतर्क करना है. यह डिवाइस अत्यधिक तेज ध्वनि उत्पन्न करती है, जिसे 500 मीटर से लेकर एक किलोमीटर तक सुना जा सकता है. आपातकालीन स्थितियों में, LRAD एक शक्तिशाली सायरन के रूप में कार्य करती है, जो भीड़ को सचेत करती है और जनता तक आवश्यक संदेश पहुंचाती है. इसका उपयोग भीड़ नियंत्रण, चेतावनी देने और आपदा के समय लोगों को निर्देशित करने के लिए किया जाता है.

भारत हर मोर्चे पर तैयार, PM मोदी की सेना प्रमुखों संग बैठक

भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को हर स्तर पर सुदृढ़ कर रहा है, जिसमें गहरे समुद्र में माइन परीक्षण और बालाकोट के बाद की उन्नत क्षमताएं शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीनों सेना प्रमुखों और अन्य अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं, और सेनाओं को आवश्यक कार्रवाई के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जो उनकी कल्पना से परे होगी.

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7 मई को 244 जिलों में होगी मॉक ड्रिल

भारत, पहलगाम हमले के बाद, पाकिस्तान को जवाब देने की तैयारी कर रहा है. कल (बुधवार) को देश के 244 जिलों में युद्ध की स्थिति के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां, राज्य पुलिस, नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक और छात्र भाग लेंगे.

पहलगाम हमले के बाद तनाव, अखनूर में बंकर तैयार

जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में, भारत-पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ते तनाव के कारण सीमावर्ती गांवों के निवासी तैयारियों में जुट गए हैं. ग्रामीण सीमा पार से संभावित गोलीबारी के खतरे को देखते हुए भूमिगत बंकरों की सफाई कर रहे हैं और उनमें खाद्य सामग्री, कूलर जैसी आवश्यक वस्तुएं रख रहे हैं. उनका कहना है कि वे किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

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जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में क्या हैं इंतज़ाम?

जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में कई दिनों से अभ्यास चल रहा है. श्रीनगर में झेलम नदी के किनारे एसडीआरएफ ने बचाव कार्य का प्रदर्शन किया. इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि युद्ध जैसी स्थिति में नागरिकों को किस प्रकार प्रशिक्षित किया जाए. नागरिकों को हवाई हमलों या मिसाइल हमलों जैसी आपात स्थितियों में बचाव के उपाय सिखाए जा रहे हैं.

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पाकिस्तान में आटे-दाल का स्टॉक

पाकिस्तान में भारत द्वारा हमले की संभावित तैयारी के चलते एक भयावह माहौल उत्पन्न हो गया है, जिससे लोग आटा और दाल जमा करने में जुट गए हैं, विशेषकर पीओके के मुजफ्फराबाद में. इस बीच, पाकिस्तानी सांसद शेर अफजल खान मारवात ने यह बयान दिया है कि यदि भारत के साथ युद्ध होता है, तो वह इंग्लैंड चले जाएंगे.