लखनऊ। वाराणसी के उप-परिवहन आयुक्त याची का निलंबन आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट का यह फैसला विभागीय जांच के परिणाम के अधीन लिया गया है.
हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कह कि याची को निलंबित करने का आदेश उसके खिलाफ आरोपों की गंभीरता व संबंधित नियमों को देखे बगैर पारित किया गया था, जो अवांछित व दुराशयपूर्ण था.
न्यायमूर्ति एआर मसूदी ने यह आदेश लक्ष्मीकांत मिश्र की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया। याची को कर्तव्य का त्याग करने आदि के आरोपों में निलंबित किया गया था.
याची के अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा का कहना था कि निलंबन आदेश याची को परेशान करने के लिए जारी किया गया था, जबकि उसने कोई कदाचार नहीं किया। आरोपों के लिहाज से उसे बड़ा दंड देकर निलंबित नहीं किया जाना चाहिए था। कोर्ट ने यह आदेश देकर याची के खिलाफ जांच की कार्रवाई को चार माह में पूरी करने का निर्देश अनुशासनात्मक प्राधिकारी को दिया है, इसमें याची को भी सहयोग करना पड़ेगा.