लखनऊ. केंद्र सरकार और राज्य सरकारें एक तरफ पेड़ लगाने का ढकोसला कर रही हैं. वहीं दूसरी तरफ पेड़ों की बलि दी जा रही है. विकास के नाम पर चलाए जा रहे विनाश के इस क्रम में अब और पेड़ काटे जाएंगे. विकास के नाम पर लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) अपनी अनंत नगर योजना में 133 हरे भरे पेड़ों पर आरी चलाने जा रहा है. पेड़ों को काटने का कारण विकास में बाधा बताया जा रहा है. इसके लिए एलडीए प्रशासन ने ठेकेदारों से टेंडर आमंत्रित किए हैं.

एलडीए प्रशासन अपनी मोहन रोड स्थित अनंत नगर योजना को मूर्त रूप देने में जुटा है. योजना के तहत ग्राम कलिया खेड़ा और प्यारेपुर में 785 एकड़ भूमि अर्जित की गई है. अर्जित भूमि में विकास कार्य होने हैं, जिसमें एलडीए के मुताबिक 133 पेड़ बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. अब उन्हें काटा जाएगा. पेड़ों को काटने के एलडीए के मुख्य अभियंता की ओर जारी विज्ञापन के अनुसार पेड़ों को काटने के लिए आज कमेटी के सामने ठेकेदार बोली लगाएंगे. 133 पेड़ों को काटने के लिए 1,81,444 आरक्षित धनराशि रखी गई है. जिसमें 18,500 रुपए प्रतिभूति राशि है.

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इससे पहले भी एलडीए प्रशासन ने अपनी ग्रीन कॉरिडोर योजना के लिए हनुमान सेतु पुल आदि के पास बड़े पैमाने पर पेड़ों की बलि ली थी. जिसका जनता ने विरोध भी किया था. बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार एक पेड़ मां के नाम योजना चला रही है. लेकिन यहां एक सवाल ये आता है कि लाखों पेड़ काट दिए जा रहे हैं और उसके एवज में महज एक पेड़ लगाने का दिखावा करना कितना न्यायोचित है?