लखनऊ. छठ पर्व पर पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल वॉररूम बन गया है. लखनऊ जंक्शन, गोरखपुर स्टेशन पर 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है. यात्रियों की सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण के लिए अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है. प्रमुख स्टेशनों पर ‘आई हेल्प यू’ सहायता बूथ बनाए गए हैं. ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन के अतिरिक्त फैसिलिटेटर भी उपलब्ध कराए गए हैं. QR कोड के जरिए त्वरित भुगतान प्रणाली लागू की गई है.

बता दें कि छठ पर्व 25 अक्टूबर को ‘नहाय-खाय’ से शुरू होगा. 26 अक्टूबर को ‘खरना’ होगा. 27 अक्टूबर को डूबते सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा और 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को उषा अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा. छठ का यह व्रत दर्शाता है कि संयम, शुद्धता और प्रकृति के प्रति समर्पण से मनुष्य ईश्वरीय ऊर्जा को अनुभव कर सकता है. यही कारण है कि बिना किसी मूर्ति या मंदिर के, केवल जल, प्रकाश और संकल्प से यह व्रत पूरा होता है.

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छठ पूजा पूरी तरह प्रकृति उपासना पर आधारित पर्व है- सूर्य (ऊर्जा), जल (जीवन), और धरती (अन्नदाता) की आराधना इसमें प्रमुख है.बांस एक प्राकृतिक, जीवित और शुद्ध पदार्थ है, जो प्रकृति के इस चक्र का प्रतीक है. बांस को पवित्र और शुभ माना जाता है क्योंकि यह तेजी से बढ़ता है, लेकिन कभी सड़ता या दूषित नहीं होता.व्रती जब बांस के सूप या दउरा में अर्घ्य सामग्री रखती हैं, तो यह प्रकृति के शुद्ध माध्यम से ईश्वर को अर्पण करने का प्रतीक होता है.