पंजाब में एक काउंसलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने और 24 घंटे के भीतर पार्टी बदलने का मामला सामने आया है। लुधियाना में मेयर के पद को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
इसी दौरान, शिरोमणि अकाली दल (बादल) के काउंसलर चतरवीर सिंह उर्फ कमल अरोड़ा पर एफआईआर दर्ज होने के 24 घंटे बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) जॉइन कर ली। उन्हें पार्टी में शामिल करने के लिए कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने औपचारिकता पूरी की।
अकाली दल ने आरोप लगाया है कि एफआईआर दर्ज कराना चतरवीर पर पार्टी बदलने का दबाव बनाने की रणनीति थी। अकाली दल का कहना है कि अब “आप” एक नई वॉशिंग मशीन बन चुकी है।
चतरवीर सिंह वार्ड नंबर 20 से चुनाव जीते थे और उन्होंने आप के उम्मीदवार अंकुर गुलाटी को 415 वोटों से हराया था। 22 दिसंबर को, आप कार्यकर्ता राकेश कुमार ने चतरवीर सिंह के खिलाफ अगवा करने और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई। यह मामला थाना डिवीजन नंबर-7 में दर्ज हुआ। अगले ही दिन, यानी 23 दिसंबर को, अकाली दल के काउंसलर ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया। हालांकि, इस घटना को लेकर अब तक पूरी सच्चाई सामने नहीं आई है।
इस घटना के बाद, आप के काउंसलरों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है। लुधियाना नगर निगम में बहुमत का आंकड़ा 46 है, यानी आप को अभी तीन और काउंसलरों की जरूरत है।

चुनाव के दौरान झगड़े का मामला
पुलिस को दी गई शिकायत में आप कार्यकर्ता राकेश कुमार ने बताया कि यह घटना 21 दिसंबर को नगर निगम चुनाव के दौरान हुई थी। वह सेक्टर-32 स्थित बीसीएम स्कूल के बाहर आप के बूथ पर तैनात थे। तभी कमल अरोड़ा और उनके साथियों ने उनसे विवाद किया। आरोप है कि अरोड़ा ने अपने साथियों को राकेश के साथ मारपीट करने के लिए उकसाया।
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