दिल्ली के लुटियंस ज़ोन के गॉल्फ लिंक्स और खान मार्केट इलाकों में हर मानसून होने वाली जलभराव की समस्या का अब स्थायी समाधान होने जा रहा है। न्यू दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल (NDMC) ने इस समस्या को दूर करने के लिए बड़े स्तर पर ड्रेनेज सुधार का काम शुरू करने का फैसला किया है। अधिकारियों के मुताबिक, खान मार्केट के पास स्थित Q-पॉइंट पर मौजूद ट्रंक सीवर लाइन बारिश के पानी की पुरानी ईंटों वाली स्टॉर्म वॉटर ड्रेन से मिली हुई है, जिसके कारण भारी बारिश के दौरान दोनों लाइनों में पानी का दबाव बढ़ जाता है और सड़कें पानी से भर जाती हैं।

काम के लिए 3.47 करोड़ की लागत तय

एक वरिष्ठ NDMC अधिकारी ने बताया: “परियोजना की बोली प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इसकी लागत लगभग 3.47 करोड़ रुपये आएगी। ठेकेदार एजेंसी के चयन के बाद तत्काल काम शुरू कर दिया जाएगा। पूरा प्रोजेक्ट चार महीने में पूरा करने का लक्ष्य है।”

हाई-टेक तरीके से सफाई

प्रोजेक्ट में पुरानी लाइनों की स्थिति समझने के लिए  CCTV सर्वे किया जाएगा,मैनुअल पाइप जैकिंग तकनीक से पाइप डाले जाएंगे, डिसिल्टिंग और ब्लॉकेज रिमूवल का काम बड़े पैमाने पर किया जाएगा, इसके बाद एपॉक्सी कोटेड माइल्ड स्टील पाइप लगाए जाएंगे ताकि पाइप जंग और लीकेज से सुरक्षित रहें, 1675 mm से 2100 mm व्यास वाली सीवर लाइनों की पूरी सफाई होगी, पुरानी CIPP लाइनर हटाई जाएंगी, NDMC ने स्पष्ट किया है कि खुदाई न्यूनतम स्तर पर रखी जाएगी ताकि खान मार्केट और गॉल्फ लिंक्स के आसपास ट्रैफिक और बाजार गतिविधियां प्रभावित न हों।

Q-पॉइंट: पांच प्रमुख सड़कों का मिलन बिंदु

Q-पॉइंट वह प्रमुख चौराहा है जहाँ पृथ्वीराज रोड, अब्दुल कलाम रोड, मोतीलाल नेहरू मार्ग, शाहजहां रोड और मान सिंह रोड मिलते हैं। यह इलाका लुटियंस दिल्ली के सबसे संवेदनशील और प्रमुख प्रशासनिक क्षेत्र में आता है। भारी बारिश के दौरान यहां से 1060 से 1235 क्यूसेक तक पानी स्टॉर्म वॉटर सिस्टम में डिस्चार्ज होता है, लेकिन पुरानी सीवर और ड्रेनेज लाइनों के कारण पानी की निकासी क्षमता प्रभावित हो जाती थी।

70 साल पुरानी लाइनें, हर साल धंसाव

NDMC के 42.7 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली लगभग 350 किलोमीटर लंबी सीवर लाइनें ज्यादातर 70 साल से अधिक पुरानी हैं। समय के साथ इन लाइनों की बाहरी परतों में सीवर गैसों के प्रभाव से क्षरण हुआ है। यही वजह है कि आशोका रोड, विंडसर प्लेस, इंडिया गेट और मंडी हाउस जैसे वीआईपी और संवेदनशील इलाकों में मानसून के दौरान सड़कों के धंसने की घटनाएं सामने आती रही हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक, पुराने सीवर नेटवर्क में गैसों की प्रतिक्रिया से पाइपों की संरचना कमजोर हो जाती है, जिससे भूमिगत खोखलापन पैदा होता है और ज़रा-सी तेज़ बारिश में सड़क की सतह टूटकर बैठ जाती है। इसी चुनौती को देखते हुए NDMC ने अंडरग्राउंड सीवर एवं स्टॉर्म वॉटर नेटवर्क के दीर्घकालिक पुनर्विन्यास की दिशा में यह नया प्रोजेक्ट शुरू किया है।

फेजवाइज रिहैबिलिटेशन

NDMC अधिकारियों के मुताबिक सीवर और स्टॉर्म वॉटर नेटवर्क के सुधार का काम कंसल्टेंसी रिपोर्ट के आधार पर फेजवाइज चल रहा है। अब तक पहले चरण में 30 किलोमीटर और दूसरे चरण में 10 किलोमीटर पुरानी लाइनों की मरम्मत और पुनर्विन्यास का काम पूरा किया जा चुका है। अगले पांच वर्षों में बड़े पैमाने पर नेटवर्क अपग्रेड करने की योजना है।

प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद गॉल्फ लिंक्स, पंडारा पार्क और लोढ़ी एस्टेट जैसे इलाकों में हर मानसून में होने वाले जल-जमाव के जोखिम में बड़ी कमी आने की उम्मीद है। इसके साथ ही स्टॉर्म वॉटर की निकासी तेज होगी और क्षेत्र में सार्वजनिक स्वच्छता की स्थिति बेहतर होगी। NDMC का कहना है कि यह कदम न केवल पानी भरने की समस्या का स्थायी समाधान देगा, बल्कि दिल्ली के ऐतिहासिक भूमिगत ढांचे (Heritage Underground Network) को सुरक्षित रखते हुए उसका आधुनिकीकरण भी सुनिश्चित करेगा।

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