अमित पांडेय, डोंगरगढ़। धर्मनगरी डोंगरगढ़ में नवरात्र के तीसरे दिन मां बम्लेश्वरी धाम में आस्था और राजनीति का संगम दिखा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और वन मंत्री केदार कश्यप ने मंदिर पहुंचकर माता के दर्शन किए और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इसी मौके पर करोड़ों की लागत से बने मां बम्लेश्वरी पर्यावरण परिक्रमा पथ का लोकार्पण किया गया। मंदिर ट्रस्ट पदाधिकारी और भाजपा कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबे इस परिक्रमा पथ का विचार डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते डोंगरगढ़ प्रवास के दौरान सामने आया था। उस समय वन विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बीते एक दशक तक निर्माण कार्य चलता रहा और अब 2025 में यह परिक्रमा पथ श्रद्धालुओं के लिए तैयार हो पाया है। इसमें छत्तीसगढ़ के प्रमुख तीर्थों और वन्य प्राणियों की झलक भी दिखाई देती है, जो इसे धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान प्रदान करती है।

हालांकि उद्घाटन के बीच एक कटु सच्चाई भी उजागर हुई। करोड़ों की लागत से तैयार यह परिक्रमा पथ अभी तक श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों से ज्यादा असामाजिक तत्वों का अड्डा बनकर रह गया है। डॉ. रमन सिंह ने खुद स्वीकार किया कि यह पथ तभी सार्थक होगा जब इसका वास्तविक उपयोग भक्तों और आम जनता के लिए सुनिश्चित हो सके।
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