सुशील सलाम, कांकेर– पागल कुत्ते के काटने के बाद परिजनों ने बच्चों का डॉक्टरों से इलाज नहीं कराया, जिससे एक बच्चे की मौत हो गई. जबकि दूसरे बच्चे की तबियत बिगड़ गई. जानकारी के मुताबिक परिजन बैगा से जड़ी बूटी लाकर बच्चों को खिलाया था. बूटी का असर नहीं हुआ और अपने एक बच्चे को खो दिया. इसके बाद भी परिजनों को होश नहीं आया और पागल कुत्ते के काटे मासूम का जूठा खाना खा लिया. फिर रैबिज फैलने के डर से परिजनों ने भी जंगली दवाई का सेवन कर लिया, जिससे 4 मासूम समेत 7 लोगों की तबियत बिगड़ गई. सभी पीड़ितों का अंतागढ में प्राथमिक उपचार किया गया. जिसके बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया.
बता दें कि लगभग 15 दिन पूर्व कोनेचुर गांव में पागल कुत्ते ने दो मासूमों को काट लिया था, जिसके बाद परिजन बच्चों को अस्पताल ले जाने के बजाय जड़ी बूटी से इलाज करवाते रहे, जिससे 2 साल के मासूम की तबियत बिगड़ने के बाद दो दिन पहले मौत हो गई. दूसरे बच्चे को अंतागढ अस्पताल में भर्ती कराया गया.
अंतागढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर तिकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि गांव से सात लोग गंभीर हालत में आए थे. जिनमें पांच बच्चे और परिजन मिलाकर लोग है. इन्होंने बताया कि बैगा बाबा के पास दवाई खाने गए थे. जड़ी बूटी खाने से इनकी हालत गंभीर हो गई. यहां प्राथमिक इलाज शुरू कर दिया. स्थिति खराब होने के चलते जिला अस्पताल रेफर किया गया है. बच्चे को एंटी रैबिज का इंजेक्शन लगाया गया.