मधुमिता हत्याकांड मामले में सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी व उनकी पत्नी की रिहाई का आदेश सरकार ने जारी कर दिया है. मामला हाईप्रोफाइल होने के नाते सियासत भी शुरु हो गई है. इसी बीच रिहाई के आदेश जारी होने पर कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति का भी बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि अच्छे आचरण के कैदियों की रिहाई होती है.

कारागार मंत्री ने कहा कि जेल नियमावली के तहत ऐसे कैदियों की रिहाई समय-समय पर होती रहती है. इसी नियम के तहत अमरमणि की रिहाई का फैसला लिया गया है. दरअसल, कवियित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी करार दिए जाने के बाद पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी पिछले कई वर्षों से जेल की सजा काट रहे हैं. लेकिन अच्छे आचरण के चलते शासन ने दोनों को रिहा करने का आदेश जारी किया है.

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रिहाई पर रोक लगाने से इनकार करने पर निधि शुक्ला ने कहा कि कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. राज्यपाल को रिहाई पर रोक लगानी चाहिए. अमरमणि मेरी हत्या करा सकता है. झूठ बोलकर, गुमराह कर रिहाई कराई जा रही है. जब जेल नहीं काटी तो सजा माफी की बात क्यों. सरकार कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करती है. उन्होंने कहा कि अमरमणि हमेशा BRD मेडिकल कॉलेज में ही रहा.

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निधि शुक्ला का कहना है कि अमरमणि कभी जेल में नहीं रहा. अमरमणि ने सजा अस्पताल में काटी. राज्यपाल को गुमराह किया गया है. 12 साल से अमरमणि जेल नहीं गया. अमरमणि बहुत बड़ा अपराधी है. जिसने सजा नहीं काटी उसे रिहाई क्यों. उन्होंने कहा कि आखिर हमें न्याय कैसे मिलेगा. अमरमणि को अस्पताल में VVIP सुविधा है. देशवासियों से अपील है कि मेरी मदद करो. सारे सबूत हम लोग कोर्ट में देंगे. अमरमणि की रिहाई पर रोक लगनी चाहिए.

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गौरतलब है कि करीब 20 साल पहले राजधानी की पेपरमिल कॉलोनी में रहने वाली कवियत्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में CBI ने जांच की थी. CBI ने अपनी जांच में अमरमणि और मधुमणि को दोषी करार देते हुए कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था. बाद में इस मामले का मुकदमा देहरादून स्थानांतरित कर दिया गया था. दोनों जेल में बीते 20 साल एक माह और 19 दिन से थे. जेल में बिताई गई सजा की अवधि और अच्छे जेल आचरण के दृष्टिगत बाकी बची हुई सजा को माफ कर दिया गया है.

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