भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार एक बार फिर संकट में है और कांग्रेस पार्टी दो भागों में बंटती दिख रही है. एक तरफ जहां कांग्रेस लगातार बीजेपी पर ‘ऑपरेशन लोटस’ को अंजाम देने का आरोप लगा रही है. दूसरी ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 6 मंत्रियों समेत 17 विधायक बेंगलुरु पहुंचे हुए हैं. वहां पहुंचने के बाद कई विधायकों को फोन बंद आ रहे हैं. आशंका जताई जा रही है की ये विधायक बीजेपी के संपर्क में हो सकते हैं.

चर्चा है कि समर्थक, मंत्री और विधायक चाहते हैं कि सिंधिया को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाए जाने के साथ ही प्रदेशाध्यक्ष की भी कमान सौंपी जाए. इसी के मद्देनजर दबाव बनाने की रणनीति के तहत मंत्रियों और विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाला था और वहां से बेंगलुरु निकल गए. मंत्रियों में इमरती देवी, प्रद्युमन सिंह तोमर, गोविंद सिंह राजपूर और महेन्द्र सिंह सिसोदिया शामिल हैं.

मुख्यमंत्री कमलनाथ रविवार से ही दिल्ली में हैं. उनकी सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात हुई और दोनों के बीच राज्य के ताजा घटनाक्रम पर चर्चा हुई. विधायकों के लापता होने की खबर के बाद मुख्यमंत्री वापस भोपाल लौट आए हैं. उनके साथ विवेक तन्खा भी साथ में है.

कांग्रेस विधायकों की इस चुप्पी को राज्यसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया की दावेदारी से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि ताजा घटनाक्रम को देखते हुए मुख्यमंत्री निवास में हलचल तेज हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी सीएम हाऊस पहुंच गए हैं. उनके बीच मंत्रणा जारी है. उम्मीद जताई जा रही है कि इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री रात करीब 8 बजे प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं.