देवेंद्र चौहान, भोजपुर। औबेदुल्लागंज से भोजपुर तक 25 करोड़ की लागत से बनी 14.5 किलोमीटर की सड़क में पहली बारिश के दौरान ही गड्ढे हो गए हैं। सड़क से डामर गायब होने लगा है और दोपहिया वाहन चालक हादसों का शिकार हो रहे हैं। इस सड़क पर दो दर्जन गांवों के ग्रामीणों की आवाजाही तो होती ही है, साथ ही विश्व प्रसिद्ध भोजपुर मंदिर से विश्व धरोहर भीमबैठिका तक घूमने आने वाले पर्यटक भी इस मार्ग का उपयोग करते हैं।

निर्माण के चलते सुर्खियों में है वीआरएस कंपनी

हाल ही में हुई बारिश के कारण गोदर नदी पर बने पुल के ऊपर से पानी बह रहा था, जिससे तीन दिनों तक यह रास्ता बंद हो गया था। सड़क का निर्माण करने वाली वीआरएस कंपनी घटिया निर्माण के चलते पहले ही सुर्खियों में आ चुकी है। सनोटी और मगरपूंछ गांव के बीच बने पुल की मांग ग्रामीण 50 वर्षों से कर रहे थे ताकि बारिश के दिनों में उनका आना-जाना सुगम हो सके। लेकिन पुल को सड़क के लेवल से नहीं बनाया गया, जिसके कारण पुल पर पानी भर जाता है।

25 करोड़ रुपए की लागत बनी थी सड़क

औबेदुल्लागंज से भोजपुर तक बनी 14.5 किलोमीटर की सड़क 25 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई थी और इसके निर्माण की जिम्मेदारी एमपीआरडीसी को दी गई थी। वीआरएस कंपनी के ठेकेदार द्वारा काम शुरू किया गया था। सड़क का काम तो पूरा हुआ और लोगों को थोड़ी सुविधा भी मिली, लेकिन 50 वर्षों से बरसात के मौसम में जिन समस्याओं का सामना ग्रामीण कर रहे थे, वे आज भी बरकरार हैं। जिम्मेदारों ने पुल तो बनाया, लेकिन बारिश के दौरान वह काम नहीं आया।

ग्रामीणों की समस्या अभी भी बरकरार

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क बनने के बावजूद पहली बारिश में गड्ढे हो गए और गोदर नदी पर बने पुल की ऊचाई कम होने के कारण बारिश के समय में नदी पुल के ऊपर से बहती है। इससे लगभग दो दर्जन गांवों के ग्रामीणों का संपर्क औबेदुल्लागंज से टूट जाता है, और कई स्कूली बच्चे और मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

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