न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। मध्य प्रदेश का आदिवासी बाहुल्य अनूपपुर जिले में गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न देकर सरकार भले ही अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन फ्री में मिलने वाले राशन को देख कर ऐसा लग रहा जैसे व्यवस्था गरीबी का मजाक उड़ा रही है। लोगों को वितरित किए जा रहे राशन की स्थिति ऐसी है कि उससे जानवर भी मुंह फेर ले, कीड़े युक्त सड़ा गला राशन किसी भी सूरत में इंसानों के खाने लायक नहीं है।

गरीबों को भरपेट भोजन मिल सके इसलिए सरकार द्वारा मुफ्त राशन वितरण की व्यवस्था चलाई जा रही है। लेकिन इसमें बरती जाने वाली लापरवाही भी किसी से छुपी नहीं है। ताजा मामला अनूपपुर जिले के फुनगा के मझगंवा लैम्प्स क्षेत्र का है। जहां खाद्यान्न के लिए ग्रामीणों को फफूंद और पनप रहे कीड़े वाले चावल दिए जा रहे है। वहीं मजबूर लाचार ग्रामीण इसे लेकर इसका उपयोग भी कर रहे है।

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लोगों का कहना है कि एक तरफ सरकार सबको स्वस्थ रखने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही है। तो वहीं दूसरी तरफ कोटे की दुकान से सड़ा खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है। इस कीड़े युक्त सड़े गले खाद्यान्न को खाने का मतलब निश्चित रुप से बीमार होना है। इस तरह की लापरवाही सामने आने के बाद अब देखना होगा कि इस पर क्या और कब तक कार्रवाई होती है।

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