शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा नए साल से पूरी तरह से डिजिटल और पेपरलेस होगी। आज मंगलवार (23 दिसंबर) से विधायकों को पेपरलेस वर्किंग की ट्रेनिंग दी जाएगी। दिल्ली के एक्सपर्ट मध्य प्रदेश के विधायकों को पेपरलेस वर्किंग सिखाएंगे।मध्य प्रदेश विधानसभा बजट सत्र से ई विधान शुरू होगा। MP विधानसभा में विधायकों के लिए  प्रशिक्षण आयोजित होगा। इसमें संसदीय कार्य मंत्रालय के अधिकारी प्रशिक्षण देंगे। इस दौरान विधायकों को ई-विधान की ट्रेनिंग दी जाएगी। 

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बता दें कि अब तक 23 प्रदेशों के 25 सदनों ने केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित ई-विधान परियोजना लागू करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। देश के 14 से अधिक प्रदेशों के सदनों में यह परियोजना लागू की जा चुकी है।

क्या है ई-विधान योजना? 

नेशनल ई-विधान परियोजना (नेवा) भारत सरकार की एक ई-गवर्नेस पहल है, जिसका लक्ष्य देश की सभी विधानसभाओं को पूरी तरह से डिजिटल और पेपरलेस बनाना है, ताकि विधायी कार्य (जैसे प्रश्नोत्तर, विधेयक, रिपोर्ट) एक साझा डिजिटल प्लेटफार्म पर हों, जिससे पारदर्शिता और दक्षता बढ़े। इसे एक राष्ट्र, एक एप्लीकेशन के सिद्धांत पर बनाया गया है। यह डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का हिस्सा है।

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